गझल |
ती नदी गेली कुठे... |
वैभव देशमुख |
गझल |
मी मोजत असते रात्री |
सोनाली जोशी |
गझल |
रिती पोकळी |
क्रान्ति |
गझल |
श्वास |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
फार झाले |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
काय हा रस्ता तुझ्या शहरातला |
बेफिकीर |
गझल |
दुःख गोठलेले मी... ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
पृष्ठ |
आसवे |
विश्वस्त |
गझल |
ना कळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
मरणानंतर |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
ना मिळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
दिसतो तुला जरी मी......... |
वैभव देशमुख |
गझल |
कवडसे |
मधुघट |
गझल |
..चर्चा |
ज्ञानेश. |
गझल |
भिकार सावकार |
बेफिकीर |
गझल |
स्वार्थ |
बेफिकीर |
गझल |
पूर्वीगत पण आता काही लिहिवत नाही |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
कार्यक्रम |
गझल तिहाई मुशायर यू ट्यूब वर व पुढील मुशायरे |
बेफिकीर |
गझल |
कसा मेळ व्हावा? |
ज्ञानेश. |
गझल |
खूप झाले, हे व्यथांना रोजचे.... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
तुझे ठसे... |
ज्ञानेश. |
गझललेख |
गझल तिहाई - वृत्तांत |
बेफिकीर |
गझल |
केवढे छान दिवस होते ते |
बेफिकीर |
गझल |
बुद्ध बाटला आहे |
बेफिकीर |
गझललेख |
मीर तकी मीर ची एक गझल व त्याचे मराठी भाषांतर |
हेमंत पुणेकर |