गझल |
तुझ्याविना हे शहर तुझे |
वैभव जोशी |
गझल |
जात आहे मार्ग टाळूनी तुला |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
अढी कपाळावरील जेव्हा मनात गेली.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
रस्ता भरलेला असतो अन गर्दी साचत असते |
सोनाली जोशी |
गझल |
मी क्धी ना अड्वले |
अनिल रत्नाकर |
कार्यक्रम |
नभाचे शब्द स्वच्छंदी - एक अप्रतिम मुशायरा - वृत्तांत |
बेफिकीर |
गझलचर्चा |
काळानुरुप रचलेल्या अन नंतर कालबाह्य होणार्या गझलांविषयी...... |
कैलास |
गझललेख |
गालिब बेनकाब |
बेफिकीर |
गझल |
सोडले तेंव्हा तुला... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
रिवाज पाळू... |
ज्ञानेश. |
गझलचर्चा |
ती ध्वनिफीत |
केदार पाटणकर |
गझल |
वारुळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
आता माझी एक ओळही मलाच भावत नाही |
भूषण कटककर |
गझल |
सांभाळ |
महेश बाहुबली |
गझल |
स्वप्नभूमी |
महेश बाहुबली |
गझल |
बघ तुझे माझे बिनसले शेवटी |
बेफिकीर |
कार्यक्रम |
सस्नेह आमंत्रण - गझल सहयोगचा मुशायरा - नभाचे शब्द स्वच्छंदी |
बेफिकीर |
गझल |
काव्य जगावे |
क्रान्ति |
गझल |
निरर्थक... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
टाहो... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
संपत नाही |
केदार पाटणकर |
गझल |
आभास मीलनाचा.. |
गंगाधर मुटे |
गझल |
खलाशी |
बेफिकीर |
गझल |
छान रमल्यासारखे |
बेफिकीर |
गझल |
बाटली |
अनिल रत्नाकर |