गझल |
जशी रात्र झाली... |
केदार पाटणकर |
गझल |
...फर्मास गप्पा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
येथे राज्य चालते माझे |
बेफिकीर |
गझल |
चालेल तोवर चालु दे ! |
अजय अनंत जोशी |
कार्यक्रम |
रू-ब-रू: गझल आणि कवितांचा कार्यक्रम |
ज्ञानेश. |
गझल |
दूर |
ऋत्विक फाटक |
गझलचर्चा |
महिला गझलकारांची संख्या |
केदार पाटणकर |
गझल |
चला 'बेफिकिर', जायची वेळ गेली |
बेफिकीर |
गझल |
शेवटी झोपायचे आहे सदासाठी तुला |
बेफिकीर |
गझल |
गातो तुझेच गाणे |
मिल्या |
गझल |
काही दशके त्याचे.... पाल्हाळ कशासाठी |
भूषण कटककर |
गझल |
साभार परत.. |
काव्यरसिक |
गझल |
विटाळ |
काव्यरसिक |
गझल |
एकदा येऊन जा तू... एकदा येऊन जा |
बेफिकीर |
गझल |
अजूनही |
केदार पाटणकर |
गझल |
अन्यथा मृत्यूस साला |
बेफिकीर |
गझल |
मला वेळ नाही |
अलखनिरंजन |
गझल |
गझल-" म्हणून जगणे आले"- |
विदेश |
गझल |
स्वप्न ज्यात मी नसेन... |
बेफिकीर |
गझल |
वादळे उसळून आल्यावर.... |
केदार पाटणकर |
गझल |
हळू हळू 'बेफिकीर' होण्यातली मजाही बरीच आहे |
बेफिकीर |
गझल |
ब्लॅक होल |
अलखनिरंजन |
गझल |
साडेसाती |
अविनाश ओगले |
गझल |
सये... |
टिंब |
गझललेख |
सुरेश भटांच्या गझलांमधील तरल भावकाव्य |
सदानंद डबीर |