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पोर्ट्रेट ५ |
विश्वस्त |
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पोर्ट्रेट ४ |
विश्वस्त |
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पोर्ट्रेट ३ |
विश्वस्त |
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पोर्ट्रेट २ |
विश्वस्त |
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पोर्ट्रेट १ |
विश्वस्त |
गझल |
हवे मधे किती छान गारवा होता..... |
खलिश |
गझल |
करार |
क्रान्ति |
गझल |
कुठे तरी काही तरी जळत होते ..... |
खलिश |
गझल |
झालास 'बेफिकिर' तू काहीतरीच आता |
भूषण कटककर |
गझल |
करून झाले |
क्रान्ति |
गझल |
मी शशीची कोर व्हावे |
भूषण कटककर |
गझल |
फुलांना दंश काट्यांचे हवे होते..... |
खलिश |
गझल |
मनसुबे |
पुलस्ति |
गझल |
किती स्तब्धता ही प्रवाही अताशा |
भूषण कटककर |
गझल |
जरा गर्दी जमेपर्यंत........ |
भूषण कटककर |
गझल |
...एकंदरीने ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
पाहिजे ते.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
आयुष्या |
जगदिश |
गझल |
मुखवटा घातल्यानंतर |
भूषण कटककर |
गझल |
तसा मी कधीपासुनी तोच होतो |
भूषण कटककर |
गझल |
दिसतील पंख त्याचे |
भूषण कटककर |
गझल |
नशीब माझे... |
अजब |
गझल |
पुन्हा |
क्रान्ति |
गझल |
अंतरा |
क्रान्ति |
गझल |
न्यास |
क्रान्ति |