गझल |
दावा .. |
कमलाकर देसले |
गझल |
राजसा. |
कमलाकर देसले |
गझल |
मी प्रेम दे म्हणालो... |
शाम |
गझल |
ना दिवाळी पाहिली या लक्तराने !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
जे जसे आहे तसे स्वीकारतो मी शेवटी... |
बेफिकीर |
गझल |
तारा असण्याचा भरला सारा सारा मी |
बेफिकीर |
गझल |
पाहिले तुला हळूच |
तुषार जोशी |
गझल |
आसवे..... |
supriya.jadhav7 |
गझल |
शहारा |
मयुरेश साने |
गझल |
''श्वास झाला मोकळा की,कोंडल्यागत वाटते'' |
कैलास |
गझल |
योग नाही! |
क्रान्ति |
गझल |
...म्हणाले !! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
या श्वासाचा,कुणी भरोसा द्यावा , तू ये ना |
सोनाली जोशी |
गझल |
जागलेली रात... |
मयुरेश साने |
गझल |
ही घडी दे !!! |
supriya.jadhav7 |
गझलचर्चा |
अपरिचीत शायरांच्या गझल-संग्रहाची सूची |
मानस६ |
गझल |
राखते तोल मी.....!!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
व्यर्थ जगणे ! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
कशाला नाचते पोरी? |
कमलाकर देसले |
गझल |
संकटे |
वीरेद्र बेड्से |
गझल |
असे बाहेर डोकावू नका आतील दु:खांनो.... |
बेफिकीर |
गझल |
आयुष्य गोल आहे |
मिल्या |
गझल |
जे कधी न जमले मजला |
सरदेसाई |
गझल |
बंडाचा झेंडा कधीच नव्हता हाती! |
क्रान्ति |
गझल |
कळा लागल्या |
क्रान्ति |