गझल |
पुसणारे नसताना कोणी अश्रू ढाळायचे कशाला... |
मयुरेश साने |
गझल |
एखादा तरी... |
मी अभिजीत |
गझल |
जन्म देवा... |
अमित वाघ |
गझल |
पत्रे |
केदार पाटणकर |
गझल |
निघाले अर्थ नाही ते तुझ्या वाटेत येण्याचे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
पडल्यापडल्या जागोजागी उसवत आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
म्हणालो त्यातले काहीच मी करणार नाही |
विजय दि. पाटील |
गझल |
मनात माझ्या कुठून येते बरेच काही? |
विजय दि. पाटील |
गझल |
धमन्यांत वाहते रक्त.. |
बहर |
गझल |
माझा मुलगा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
विसावा |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
लाजरा बराच मी निलाजरा जरा जरा |
मयुरेश साने |
गझल |
अंतराय |
ज्ञानेश. |
गझल |
तुझ्या हातात माझ्या जिंदगीचा कासरा मी देत आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
तू भेटली नव्हतीस तोवर |
मिल्या |
गझल |
आईच्या पोटात कधी हा भेद कुणी का शिकले? |
विजय दि. पाटील |
गझल |
रिमझिमणारी |
निशिकांत दे |
गझल |
नामानिराळे |
संतोष कसवणकर |
गझल |
विझले निखारे |
संतोष कसवणकर |
गझल |
नवा घाव |
संतोष कसवणकर |
गझल |
असे झाले तसे झाले.... |
मयुरेश साने |
गझल |
ऊठ तू आता तरी |
निशिकांत दे |
गझल |
छायेलाही त्यांच्या थोडा |
निशिकांत दे |
गझल |
वाटले बरे किती! |
चित्तरंजन भट |
गझल |
भेट ही घेऊ नको |
शोभातेलन्ग |