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प्रवेश निषिद्ध |
विश्वस्त |
गझल |
जितके जमते.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
जन्मभर तुडवीन मी ... |
वैभव देशमुख |
गझल |
नाव तुझ्या ओठावर... |
वैभव देशमुख |
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छन्दोरचना |
विश्वस्त |
गझललेख |
मराठी गझलांचे चैतन्य |
विश्वस्त |
गझल |
पुढे माणसांचे यशू-बुद्ध होते |
गंगाधर मुटे |
गझल |
इथे प्रत्येक जण धुंदीत आहे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
............. अजून काही |
विशाल कुलकर्णी |
गझल |
चकवा |
केदार पाटणकर |
गझल |
बनेल तारे.. |
बहर |
गझल |
नव्या यमांची नवीन भाषा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
जुळले अजून आहे |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
चाहुलीची तुझ्या चमक... |
वैभव देशमुख |
गझल |
दिसे दिसायास... |
वैभव देशमुख |
गझल |
कधी कधी |
केदार पाटणकर |
गझल |
मोग-याचा पसारा.....(गझल) |
supriya.jadhav7 |
गझल |
अबोली !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
य़ा जगण्याचे... |
आनंदयात्री |
गझल |
जन्मभर.... |
supriya.jadhav7 |
गझल |
जराजरासा !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
बोलण्याने बोलणे वाढेल आता |
चित्तरंजन भट |
गझल |
हे फुलांचे उधान झाडांना... |
वैभव देशमुख |
गझल |
आवश्यक ! |
ज्ञानेश. |
गझल |
हमी |
आनंदयात्री |