गझल |
सुतक |
आभाळ |
गझल |
वारुळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
पहा दिशाही रुसून बसल्या तुझ्यासारख्या. |
सोनाली जोशी |
गझल |
जसे काल होते तसे आज वाटे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
दुःख गोठलेले मी... ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
जन्मभर तुडवीन मी ... |
वैभव देशमुख |
गझल |
जमले नाही.... |
रुपेश देशमुख |
गझल |
ते पाखरू दिवाणे |
जयन्ता५२ |
गझल |
कोणत्या चिमटीत मी त्याला धरू |
चित्तरंजन भट |
गझल |
रूक्मिणी... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
खेळ ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
अंतरातली व्यथा अंतरी जपायची |
मिल्या |
गझल |
गझल : ज्यामुळे जग ही नशीली रम्यता राखून आहे |
वैभव वसंतराव कु... |
गझल |
अज्ञातवास |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मद्यालय |
भूषण कटककर |
गझल |
जायला हवे ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
जरी वाटेल माझे बोलणे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
डोळे |
मयूर |
गझल |
हा प्रवास आधी मुळीच ठरला नव्हता |
चित्तरंजन भट |
गझल |
अस्पर्श स्वप्ने |
प्रसाद लिमये |
गझल |
परीक्षा |
आनंदयात्री |
गझल |
लगाम |
मिल्या |
गझल |
काय या छातीत श्वासाला मिळे |
भूषण कटककर |
गझल |
साडेसाती |
अविनाश ओगले |
गझल |
कालचा पाऊस |
आनंदयात्री |