गझल |
आसवे आता न केवळ गाळती माझे नयन |
कैलास |
सोम, 19/07/2010 - 20:39 |
गझल |
आता जरा मी लबाड झालो |
कैलास गांधी |
सोम, 19/07/2010 - 17:13 |
गझल |
सोसले ना लाड ते कंगाल झाले |
कैलास गांधी |
सोम, 19/07/2010 - 16:55 |
गझल |
आरसा पाहायचा राहून गेला |
निलेश कालुवाला |
सोम, 19/07/2010 - 07:48 |
गझल |
नाबाद |
बहर |
रवि, 18/07/2010 - 04:29 |
गझल |
माझ्या तुझ्यात काही |
जयन्ता५२ |
रवि, 18/07/2010 - 00:13 |
गझल |
कोणत्या चिमटीत मी त्याला धरू |
चित्तरंजन भट |
शनि, 17/07/2010 - 19:04 |
गझल |
ध्वस्त झालो गाव सांगे पूर जेव्हा ओसरे |
कैलास गांधी |
शनि, 17/07/2010 - 13:23 |
गझल |
कर्जमाफीच्या आमिशावर अशी माजली शेते |
कैलास गांधी |
शनि, 17/07/2010 - 13:18 |
गझल |
सुटे, मोकळे होण्यामध्ये हात जरा गुरफटले होते |
कैलास गांधी |
शनि, 17/07/2010 - 13:14 |
गझल |
पुढे सरू की जाऊ मागे... |
वैभव देशमुख |
शनि, 17/07/2010 - 12:19 |
गझल |
चांदण्या लेऊन झाला... |
ह बा |
शनि, 17/07/2010 - 11:06 |
गझल |
आज अचानक तुझी आठवण का यावी |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
शुक्र, 16/07/2010 - 18:20 |
गझल |
वाटते बोलायचे राहून गेले |
कैलास |
शुक्र, 16/07/2010 - 17:27 |
गझल |
गझलेत काय सांगू? |
बहर |
शुक्र, 16/07/2010 - 03:48 |
गझल |
घट अमृताचा |
गंगाधर मुटे |
गुरु, 15/07/2010 - 22:58 |
गझल |
किती सुखाचे असेल |
क्रान्ति |
गुरु, 15/07/2010 - 16:41 |
गझल |
सौदा |
आनंदयात्री |
बुध, 14/07/2010 - 22:22 |
गझल |
अंगार चित्तवेधी |
गंगाधर मुटे |
बुध, 14/07/2010 - 21:44 |
गझल |
पेटले सोयी प्रमाणे आणि नंतर गार झाले... |
कैलास गांधी |
बुध, 14/07/2010 - 15:30 |
गझल |
प्रश्न हा फिजूल आहे शब्द हे बेचव कसे... |
कैलास गांधी |
बुध, 14/07/2010 - 15:23 |
गझल |
कळले मलाच नाही |
अवधुत |
बुध, 14/07/2010 - 11:48 |
गझल |
एक उदासी खोलीभर.. |
ज्ञानेश. |
बुध, 14/07/2010 - 11:27 |
गझल |
श्वास |
प्रसाद लिमये |
मंगळ, 13/07/2010 - 14:58 |
गझल |
नशेत होतो मी ! |
मानस६ |
मंगळ, 13/07/2010 - 12:28 |