गझल |
ती इतकी करारी वाटते |
निलेश कालुवाला |
सोम, 12/07/2010 - 14:11 |
गझल |
जुने पेच ते..... |
बहर |
रवि, 11/07/2010 - 03:17 |
गझल |
सत्ते तुझ्या चवीने |
गंगाधर मुटे |
शनि, 10/07/2010 - 11:09 |
गझल |
जाणिवा विसरून गेलो ..... |
ह बा |
शनि, 10/07/2010 - 10:57 |
गझल |
करणार आहे |
आदित्य_देवधर |
गुरु, 08/07/2010 - 16:56 |
गझल |
'' बरे दिसत नाही '' |
कैलास |
गुरु, 08/07/2010 - 11:28 |
गझल |
'' तीळ '' |
कैलास |
बुध, 07/07/2010 - 21:33 |
गझल |
तुझ्या आठवांना उजाळाच देतो... |
बहर |
रवि, 04/07/2010 - 01:51 |
गझल |
नसतीच आसवे तर.... |
ह बा |
शनि, 03/07/2010 - 13:33 |
गझल |
सरळ वागून ती वागली वाकडी |
निलेश कालुवाला |
शनि, 03/07/2010 - 11:19 |
गझल |
वेदना |
अनिल रत्नाकर |
शुक्र, 02/07/2010 - 01:09 |
गझल |
तुकारामा उगा तू काढली पाण्यातुनी गाथा |
ह बा |
बुध, 30/06/2010 - 17:08 |
गझल |
वस्ती..! |
विसोबा खेचर |
मंगळ, 29/06/2010 - 21:44 |
गझल |
देखावे.. |
विसोबा खेचर |
मंगळ, 29/06/2010 - 19:20 |
गझल |
ती काळजीत असते... |
ह बा |
मंगळ, 29/06/2010 - 18:24 |
गझल |
~ प्रेम माझे साफ झाले ~ |
Ramesh Thombre |
रवि, 27/06/2010 - 19:20 |
गझल |
~ या दिलाचे .... ~ |
Ramesh Thombre |
रवि, 27/06/2010 - 19:14 |
गझल |
मुलगी |
बापू दासरी |
रवि, 27/06/2010 - 16:19 |
गझल |
तरी हुंदक्यांना गिळावे किती? |
गंगाधर मुटे |
शनि, 26/06/2010 - 22:49 |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी, भाग-४ : खिलौने नहीं चलते |
मानस६ |
शनि, 26/06/2010 - 22:12 |
गझल |
बंद दिवसाच्या घराचे दार ... |
वैभव देशमुख |
शुक्र, 25/06/2010 - 09:35 |
गझल |
कालचा पाऊस |
आनंदयात्री |
गुरु, 24/06/2010 - 22:40 |
गझल |
जळात राहुन माशासोबत असे भांडणे बरे नव्हे |
कैलास |
बुध, 23/06/2010 - 20:27 |
गझल |
तिजोरी |
आदित्य_देवधर |
बुध, 23/06/2010 - 19:25 |
गझल |
अपघात काय घडला? |
ह बा |
मंगळ, 22/06/2010 - 14:11 |