गझल |
लागला गळपफास तेव्हा तरतरी श्वासात आली! |
सतीश देवपूरकर |
सोम, 23/07/2012 - 19:51 |
गझल |
जितके जमते.. |
ज्ञानेश. |
बुध, 11/07/2012 - 11:00 |
गझल |
पुढे माणसांचे यशू-बुद्ध होते |
गंगाधर मुटे |
सोम, 28/05/2012 - 12:13 |
गझल |
अशी कशी ही बदलत गेली सर्व माणसे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
शनि, 26/05/2012 - 11:26 |
गझल |
बनेल तारे.. |
बहर |
शुक्र, 04/05/2012 - 16:16 |
गझल |
जुळले अजून आहे |
जयश्री अंबासकर |
शुक्र, 04/05/2012 - 13:37 |
गझल |
सांग कोठे माणसा आहेस तू |
चित्तरंजन भट |
गुरु, 03/05/2012 - 09:23 |
गझल |
चकवा |
केदार पाटणकर |
गुरु, 26/04/2012 - 10:46 |
गझललेख |
मराठी गझलांचे चैतन्य |
विश्वस्त |
रवि, 15/04/2012 - 01:36 |
गझल |
हमी |
आनंदयात्री |
शनि, 17/03/2012 - 15:56 |
गझल |
प्रश्न आहे असा.. |
ज्ञानेश. |
शुक्र, 16/03/2012 - 20:28 |
गझललेख |
पहा ग़ालिब काय म्हणतो |
विश्वस्त |
बुध, 14/03/2012 - 01:36 |
गझल |
इथे प्रत्येक जण धुंदीत आहे |
चित्तरंजन भट |
सोम, 05/03/2012 - 12:31 |
गझल |
अनुमान! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गुरु, 01/12/2011 - 22:41 |
गझललेख |
शे(अ)रो-शायरी , भाग १०: वह शख़्स कि मैं जिससे मुहब्बत नही करता |
मानस६ |
रवि, 30/10/2011 - 17:29 |
गझल |
येत नाही मी |
अनिल रत्नाकर |
बुध, 12/10/2011 - 00:05 |
गझल |
...व्यवसाय मी |
अनिल रत्नाकर |
रवि, 09/10/2011 - 00:28 |
गझल |
असंभव |
आनंदयात्री |
बुध, 28/09/2011 - 09:30 |
गझल |
बत्तीस तारखेला |
गंगाधर मुटे |
बुध, 21/09/2011 - 05:24 |
गझल |
हुंदका ओठातला पोटात नाही |
supriya.jadhav7 |
शुक्र, 09/09/2011 - 21:16 |
गझल |
अस्तित्व दान केले |
गंगाधर मुटे |
मंगळ, 06/09/2011 - 17:05 |
गझल |
क्षण एक पुरे जगण्यास खरा |
मयुरेश साने |
मंगळ, 30/08/2011 - 16:47 |
गझल |
काळ |
जयन्ता५२ |
सोम, 22/08/2011 - 20:48 |
गझल |
''मागणे'' |
कैलास |
गुरु, 18/08/2011 - 11:43 |
गझल |
''सरावाने'' |
कैलास |
बुध, 17/08/2011 - 20:22 |