गझल |
अबोल |
कैलास |
रवि, 07/09/2014 - 11:35 |
गझल |
हसवणारे, खिदळणारे |
केदार पाटणकर |
शनि, 06/09/2014 - 14:40 |
गझल |
ऎकले आहे तुला ती साथ देते |
जयदीप |
शुक्र, 05/09/2014 - 07:49 |
गझल |
जागरण डोळ्यांमधे आता लमाण्यासारखे नाही |
चित्तरंजन भट |
बुध, 27/08/2014 - 14:36 |
गझल |
अतोनात तिटकारा येतो |
supriya.jadhav7 |
बुध, 27/08/2014 - 10:45 |
गझल |
रस्ता देतो |
जयदीप |
रवि, 24/08/2014 - 18:29 |
गझल |
वारे जरासे गातील काही.. |
अजय अनंत जोशी |
शनि, 23/08/2014 - 19:34 |
गझल |
जन्मतो गर्दीत आपण......संपतो गर्दीत पण |
बेफिकीर |
शुक्र, 22/08/2014 - 22:50 |
गझल |
ज्या क्षणी मी थांबलो, ती थांबली |
जयदीप |
शुक्र, 22/08/2014 - 08:09 |
गझल |
शेवट लिहलेला असतो सुरुवातीवरती |
शाम |
गुरु, 21/08/2014 - 22:20 |
गझल |
तुझ्यासारखे वाचता येत नाही |
जयदीप |
गुरु, 21/08/2014 - 14:12 |
गझल |
तुझे घन आजही बरसून माझी आसवे गेले |
वैभव वसंतराव कु... |
बुध, 20/08/2014 - 21:06 |
गझल |
आजच्या आज |
विजय दि. पाटील |
मंगळ, 19/08/2014 - 16:41 |
गझल |
जे जगतो ते लिहिणारा |
विजय दि. पाटील |
गुरु, 14/08/2014 - 12:23 |
गझल |
गझल |
अनंत ढवळे |
शुक्र, 08/08/2014 - 19:26 |
गझल |
पाहिजे तेव्हा कुणीही... |
केदार पाटणकर |
बुध, 06/08/2014 - 13:19 |
गझल |
तुझे स्वच्छ हासू झळाळी उन्हाची... |
वैभव देशमुख |
मंगळ, 05/08/2014 - 00:12 |
गझल |
तीच भेटावी.. |
केदार पाटणकर |
शुक्र, 01/08/2014 - 11:55 |
गझल |
लेक माझी चालली… |
अरविन्द पोहरकर |
मंगळ, 29/07/2014 - 11:37 |
गझल |
मढे मोजण्याला |
गंगाधर मुटे |
सोम, 28/07/2014 - 04:12 |
गझल |
गलबत कुठे निघाले |
केदार पाटणकर |
मंगळ, 22/07/2014 - 13:26 |
गझल |
जन्म एक मध्यरात्र वाटतो |
वैभव वसंतराव कु... |
सोम, 21/07/2014 - 13:51 |
गझल |
माणसांना माणसांचे |
केदार पाटणकर |
बुध, 16/07/2014 - 11:30 |
गझल |
पायथा बांधायला आधार नव्हता जोरकस |
बेफिकीर |
शुक्र, 11/07/2014 - 22:54 |
गझल |
पिणे सोडले मी…. |
अरविन्द पोहरकर |
सोम, 07/07/2014 - 19:26 |