गझल |
सवे या.. |
केदार पाटणकर |
रवि, 22/02/2009 - 11:37 |
गझल |
उस्ताद |
ॐकार |
शनि, 21/02/2009 - 10:25 |
गझल |
...मी नवा-निराळा आशय ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
शुक्र, 20/02/2009 - 23:20 |
गझल |
तू दिलेली सोडचिट्ठी... |
ज्ञानेश. |
शुक्र, 20/02/2009 - 07:28 |
गझल |
चंदन |
पुलस्ति |
गुरु, 19/02/2009 - 19:17 |
गझल |
हा प्रवास आधी मुळीच ठरला नव्हता |
चित्तरंजन भट |
मंगळ, 17/02/2009 - 11:33 |
गझल |
सांगतो प्रत्येक जण गर्दीतला..... |
अनंत ढवळे |
मंगळ, 17/02/2009 - 11:18 |
गझल |
'गझल अंतीम भूषणची.....' |
भूषण कटककर |
सोम, 16/02/2009 - 12:24 |
गझल |
सखे ठोठावते आहेस कुठले दार देहाचे? |
ॐकार |
सोम, 16/02/2009 - 07:09 |
गझल |
वराकडील मानपान |
भूषण कटककर |
शनि, 14/02/2009 - 13:22 |
गझल |
मिळते कोठे ? |
कौतुक शिरोडकर |
गुरु, 12/02/2009 - 20:49 |
गझल |
गुलाबपाणी |
गौतमी |
बुध, 11/02/2009 - 12:47 |
गझल |
येतात सोबती हे.. |
मधुघट |
बुध, 11/02/2009 - 11:58 |
गझल |
१२.५५ ए एम - ११.०२.०९ ट्रान्स! |
भूषण कटककर |
बुध, 11/02/2009 - 00:58 |
गझलचर्चा |
गझल सुचण्याच्या प्रक्रियेचे निकष! |
भूषण कटककर |
मंगळ, 10/02/2009 - 18:40 |
गझल |
असेच हल्ली मनास होते... |
ज्ञानेश. |
सोम, 09/02/2009 - 23:19 |
गझल |
दिसतो तुला जरी मी......... |
वैभव देशमुख |
शनि, 07/02/2009 - 17:33 |
गझल |
एकरूप |
चांदणी लाड. |
शनि, 07/02/2009 - 17:10 |
गझल |
श्वासात ताल आहे |
भूषण कटककर |
शनि, 07/02/2009 - 11:18 |
गझल |
गझल माझी तसतशी |
भूषण कटककर |
शुक्र, 06/02/2009 - 10:40 |
गझल |
मी बोचलो म्हणाले |
सोनाली जोशी |
शुक्र, 06/02/2009 - 02:36 |
गझल |
कुठे? |
भूषण कटककर |
बुध, 04/02/2009 - 16:50 |
गझल |
जाच |
मधुघट |
सोम, 02/02/2009 - 19:14 |
गझलचर्चा |
आशयाचा अंदाज न बांधता येणे - गझलेचे प्रमुख वैशिष्ट्य! |
भूषण कटककर |
सोम, 02/02/2009 - 15:43 |
गझल |
घे हमी तू....... |
गौतमी |
सोम, 02/02/2009 - 13:44 |