गझल |
पाणपोई |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
उसवित बसले बूड कवी हे ज्या झोळ्यांचे |
ह बा |
गझल |
छानपैकी जगून गेलो मी..... |
बेफिकीर |
गझल |
गरीबाला कुठे सांगा कुणाला टाळणे येते? |
ह बा |
गझल |
गोचिडांची मौजमस्ती |
गंगाधर मुटे |
गझल |
घट अमृताचा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
बाकी तसा कैदेत काही त्रास नसतो 'बेफिकिर' |
बेफिकीर |
गझल |
हा काळ हरामी मलाच गंडा घालून जातो |
कैलास गांधी |
गझल |
चांदण्या लेऊन झाला... |
ह बा |
गझल |
नाबाद |
बहर |
गझल |
आता जरा मी लबाड झालो |
कैलास गांधी |
गझल |
शक्य नाही |
स्नेहदर्शन |
गझल |
नको तेच झाले |
क्रान्ति |
गझल |
जाणिवा विसरून गेलो ..... |
ह बा |
गझल |
नसतीच आसवे तर.... |
ह बा |
गझल |
सोसले ना लाड ते कंगाल झाले |
कैलास गांधी |
गझल |
मी जसा भेटतो |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझल |
कळले मलाच नाही |
अवधुत |
गझल |
सत्ते तुझ्या चवीने |
गंगाधर मुटे |
गझल |
किमया |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
किती सुखाचे असेल |
क्रान्ति |
गझल |
रहस्ये गाडली गेली तळाशी |
सोनाली जोशी |
गझल |
बुरखा |
विसुनाना |
गझल |
सुटे, मोकळे होण्यामध्ये हात जरा गुरफटले होते |
कैलास गांधी |
गझल |
ध्वस्त झालो गाव सांगे पूर जेव्हा ओसरे |
कैलास गांधी |