गझल |
चालेल तोवर चालु दे ! |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
ती इतकी करारी वाटते |
निलेश कालुवाला |
गझल |
नांवही आता नुरे |
भूषण कटककर |
गझल |
माझे प्रेम |
rupali joshi |
गझल |
वाटले बरे किती! |
चित्तरंजन भट |
गझल |
समिकरणे |
क्रान्ति |
गझल |
ऎकले आहे तुला ती साथ देते |
जयदीप |
गझल |
वादळे उसळून आल्यावर.... |
केदार पाटणकर |
गझल |
.....न ऐकायचे |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
... तुरुंग सारे! |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
सोबतीचा आव आहे |
जयन्ता५२ |
गझल |
तुझ्या केसात |
आदित्य_देवधर |
गझल |
पौर्णिमा |
चक्रपाणि |
गझल |
आराम पहिल्या सारखा |
निशिकांत दे |
गझल |
जा मुक्त तू |
जयन्ता५२ |
गझल |
कुठे भास होतो तुझ्या कंकणांचा.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
पाप |
योगेश वैद्य |
गझल |
लागला गळपफास तेव्हा तरतरी श्वासात आली! |
सतीश देवपूरकर |
गझल |
शुन्य शुन्यातुन वजा |
भूषण कटककर |
गझल |
भेटत राहू |
केदार पाटणकर |
गझल |
राजसा |
नितीन |
गझल |
तू ..... |
supriya.jadhav7 |
गझल |
स्वप्न एखादे जणू... |
मिल्या |
गझल |
मला वेळ नाही |
अलखनिरंजन |
गझल |
दुःखाने कुठल्या समुद्र इतका हेलावतो सारखा ? |
चित्तरंजन भट |