गझल |
चरून घेतो... |
योगेश वैद्य |
पृष्ठ |
सराईत |
रितेश भोईटे |
गझल |
जेव्हा मेघ दाटुन येते... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
आपले नाते |
बेफिकीर |
गझल |
सरहदी का शोधती मग झुंजण्याची कारणे? (तरही) |
supriya.jadhav7 |
गझल |
दे |
साकार |
गझल |
हमी |
आनंदयात्री |
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सार्याच्या बगलेत... |
प्रीतम |
गझल |
अभंग १ |
विश्वस्त |
गझल |
राखते तोल मी.....!!! |
supriya.jadhav7 |
कार्यक्रम |
रू-ब-रू: गझल आणि कवितांचा कार्यक्रम |
ज्ञानेश. |
गझल |
संगमावरी दोन्ही प्रवाह तुंबळ लढणे |
बेफिकीर |
गझल |
हे शहरच आता दिसते... |
मधुघट |
गझल |
बंधन |
वर्षा ताम्बे |
गझल |
नांवही आता नुरे |
भूषण कटककर |
गझल |
माझे प्रेम |
rupali joshi |
गझललेख |
फासले ऐसे भी होंगे - भावानुवाद - असेल अंतर असेही... |
ॐकार |
गझल |
आज उद्या |
इलोवेमे |
गझल |
लपंडाव |
प्रमोद बेजकर |
पृष्ठ |
तोडले संबंध इतके जाहले |
विश्वस्त |
गझल |
कुठेच आता सवाल नाही |
संतोष बडगुजर |
गझल |
जन्मभर.... |
supriya.jadhav7 |
गझल |
जपून चालले. |
चांदणी लाड. |
गझल |
हातच दगडाखाली माझे... |
शैलेश कुलकर्णी |
गझलचर्चा |
जोडाक्षराच्या पुढील मागील शब्दाचे लघु गुरु कसे असतात ? |
स्वप्ना |