गझल |
पुन्हा केव्हातरी |
क्रान्ति |
बुध, 16/09/2009 - 22:34 |
गझल |
----सोडू नकोस ---- |
नेहा |
बुध, 16/09/2009 - 17:30 |
गझल |
उगाच काहीतरी |
अलखनिरंजन |
मंगळ, 15/09/2009 - 14:39 |
गझल |
...स्मरशील तू ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
शनि, 12/09/2009 - 20:15 |
गझल |
आपले नाते |
बेफिकीर |
शनि, 12/09/2009 - 15:24 |
गझल |
...नसे गेले |
मधुघट |
शनि, 12/09/2009 - 10:40 |
गझल |
ब्लॅक होल |
अलखनिरंजन |
शुक्र, 11/09/2009 - 10:15 |
गझल |
मंजूर नाही |
क्रान्ति |
गुरु, 10/09/2009 - 23:16 |
गझल |
संपेन मी नावानिशी..... |
बेफिकीर |
गुरु, 10/09/2009 - 14:25 |
गझल |
मी मिटून डोळे कविता जागत असतो |
चित्तरंजन भट |
गुरु, 10/09/2009 - 10:31 |
गझल |
मला वेळ नाही |
अलखनिरंजन |
बुध, 09/09/2009 - 14:13 |
गझल |
चाललो निघून मी |
केदार पाटणकर |
मंगळ, 08/09/2009 - 11:10 |
गझल |
हास आयुष्या |
क्रान्ति |
सोम, 07/09/2009 - 19:42 |
गझल |
आहे मीही... |
मधुघट |
सोम, 07/09/2009 - 12:12 |
गझल |
गातो तुझेच गाणे |
मिल्या |
सोम, 07/09/2009 - 10:50 |
गझल |
मी मोकळा |
अलखनिरंजन |
बुध, 02/09/2009 - 22:26 |
गझल |
हवे मधे किती छान गारवा होता..... |
खलिश |
बुध, 02/09/2009 - 21:36 |
गझल |
दवबिंदू |
योगेश्वर रच्चा |
मंगळ, 01/09/2009 - 19:18 |
गझल |
कुठे तरी काही तरी जळत होते ..... |
खलिश |
मंगळ, 01/09/2009 - 11:07 |
गझल |
तुझी ही बेफिकीरी 'बेफिकिर' थांबेल त्यावेळी |
भूषण कटककर |
सोम, 31/08/2009 - 21:56 |
गझल |
झालास 'बेफिकिर' तू काहीतरीच आता |
भूषण कटककर |
सोम, 31/08/2009 - 21:13 |
गझल |
असाच विस्कळीत मी |
भूषण कटककर |
सोम, 31/08/2009 - 11:46 |
गझल |
करून झाले |
क्रान्ति |
रवि, 30/08/2009 - 13:00 |
गझल |
दुःख गोठलेले मी... ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
शनि, 29/08/2009 - 19:01 |
गझल |
कचरा |
अलखनिरंजन |
शुक्र, 28/08/2009 - 21:08 |