गझल |
...जमेल तेंव्हा |
जयन्ता५२ |
बुध, 11/11/2009 - 09:05 |
गझल |
केवळ तुझी होऊन झंकारायचे |
सोनाली जोशी |
मंगळ, 10/11/2009 - 19:34 |
गझल |
अभंग १ |
विश्वस्त |
शनि, 07/11/2009 - 13:13 |
गझल |
मागचे जाती पुढे |
अजय अनंत जोशी |
शुक्र, 06/11/2009 - 22:37 |
गझललेख |
प्रकाशित करण्याची गझल रसिकासाठी असावी असा एक विचार! |
बेफिकीर |
शुक्र, 06/11/2009 - 14:54 |
गझल |
'अॅबनॉर्मल पाखरू' |
बेफिकीर |
गुरु, 05/11/2009 - 00:06 |
गझल |
'जग मल्लीकाचे आहे' - कवी ज्ञानेशची फर्माईश! |
गंभीर समीक्षा |
बुध, 04/11/2009 - 21:20 |
गझल |
का हवी असतात तेव्हा नेमकी रुसतात नाती? |
बेफिकीर |
मंगळ, 03/11/2009 - 16:07 |
गझल |
ते पाखरू दिवाणे |
जयन्ता५२ |
सोम, 02/11/2009 - 15:21 |
गझल |
यातूनच माझे दैव सदा घडलेले |
बेफिकीर |
गुरु, 29/10/2009 - 22:56 |
गझल |
अलिप्तता |
ऋत्विक फाटक |
बुध, 28/10/2009 - 22:39 |
गझल |
मनाला |
क्रान्ति |
बुध, 28/10/2009 - 08:18 |
गझल |
----पुन्हा का---- |
नेहा |
मंगळ, 27/10/2009 - 13:29 |
गझल |
नको फिरून बोलणे नकोच आज भेटणे |
सोनाली जोशी |
शनि, 24/10/2009 - 20:34 |
गझल |
मी मोरपीस व्हावे - |
विदेश |
शुक्र, 23/10/2009 - 22:30 |
गझल |
----नसते आशा जीवनाची---- |
नेहा |
गुरु, 22/10/2009 - 21:16 |
गझल |
बहुधा |
क्रान्ति |
गुरु, 22/10/2009 - 19:17 |
गझल |
लोचट आशा, नेक निराशा, एक उसासा जीवन |
बेफिकीर |
बुध, 21/10/2009 - 12:03 |
गझल |
मदार |
पुलस्ति |
सोम, 19/10/2009 - 19:31 |
गझल |
आयुष्य खूप गेले, |
जयन्ता५२ |
रवि, 18/10/2009 - 23:47 |
गझल |
उमेद |
काव्यरसिक |
रवि, 18/10/2009 - 18:48 |
गझल |
काय सुनसान पोकळी आहे |
बेफिकीर |
शुक्र, 16/10/2009 - 11:53 |
गझल |
सुखास आता तुझे नाव आहे |
जयन्ता५२ |
शुक्र, 16/10/2009 - 10:25 |
गझल |
...थांबवू नको मला! |
मधुघट |
गुरु, 15/10/2009 - 17:34 |
गझल |
पक्षी येती झाड बहरता , वठल्यावरती कुणी न दिसते |
सोनाली जोशी |
बुध, 14/10/2009 - 23:18 |