गझल |
इथे तर पानगळ बहरात आहे |
जयन्ता५२ |
शनि, 18/07/2009 - 23:42 |
गझल |
ग झ ल : ७ (अ) : दुरूस्त आणी पुनः संपादित : मला तो का वियोगाची व्यथा देतो ? |
खलिश |
शुक्र, 17/07/2009 - 22:03 |
गझल |
आरपार |
भूषण कटककर |
शुक्र, 17/07/2009 - 13:34 |
गझल |
संपत नाही |
केदार पाटणकर |
शुक्र, 17/07/2009 - 13:23 |
गझल |
गझल : मी तुझ्या प्रेमात आहे, तू मला ही प्रेम कर...... |
खलिश |
शुक्र, 17/07/2009 - 09:15 |
गझल |
ग झ ल : मला का तो वियोगाची व्यथा देतो ? |
खलिश |
गुरु, 16/07/2009 - 22:57 |
गझल |
कसे झाले? |
क्रान्ति |
गुरु, 16/07/2009 - 22:54 |
गझल |
साकी मला तू असा, गळका जाम देऊ नको |
खलिश |
गुरु, 16/07/2009 - 18:53 |
गझल |
गझल - ६.(ब) : साकी मला तू असा, गळका जाम देऊ नको : दुरूस्त आणी पुनः संपादित |
खलिश |
गुरु, 16/07/2009 - 14:40 |
गझल |
[सुरेशभट] चाचणी |
विश्वस्त |
गुरु, 16/07/2009 - 11:00 |
कार्यक्रम |
"ऋतु गजलांचे" या गझलांच्या 'सीडी'चा प्रकाशन सोहळा |
जयन्ता५२ |
बुध, 15/07/2009 - 17:09 |
गझल |
काही दशके त्याचे.... पाल्हाळ कशासाठी |
भूषण कटककर |
बुध, 15/07/2009 - 14:57 |
गझल |
भूमिका |
क्रान्ति |
सोम, 13/07/2009 - 18:34 |
गझल |
कुठून जायचे पुढे |
अजय अनंत जोशी |
सोम, 13/07/2009 - 10:58 |
गझल |
वाढतो आहे पसारा कागदांचा.. |
ज्ञानेश. |
रवि, 12/07/2009 - 11:33 |
गझल |
तुझ्यानंतर |
भूषण कटककर |
शुक्र, 10/07/2009 - 12:41 |
गझल |
नारद |
भूषण कटककर |
गुरु, 09/07/2009 - 12:22 |
गझल |
वेगासवे मनाच्या, मी धावणार आहे |
प्रज्ञा महाजन |
बुध, 08/07/2009 - 14:47 |
गझल |
वादळे उसळून आल्यावर.... |
केदार पाटणकर |
मंगळ, 07/07/2009 - 16:11 |
गझल |
घार |
भूषण कटककर |
सोम, 06/07/2009 - 14:03 |
गझल |
अलिप्त |
क्रान्ति |
सोम, 06/07/2009 - 08:11 |
गझल |
ओळख |
काव्यरसिक |
शनि, 04/07/2009 - 19:53 |
गझल |
पुन्हा पुन्हा ते तसेच होते |
भूषण कटककर |
शनि, 04/07/2009 - 11:53 |
गझल |
आजही |
भूषण कटककर |
शुक्र, 03/07/2009 - 13:28 |
गझल |
उदास...! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गुरु, 02/07/2009 - 01:37 |