केला खरेपणाचा नाही विचार त्यांनी |
विश्वस्त |
फलाट |
विश्वस्त |
ठक! |
विश्वस्त |
बाहुली |
विश्वस्त |
१ गझल : योगेश वैद्य |
विश्वस्त |
भटसाहेब ३ |
विश्वस्त |
भटसाहेब ३ |
विश्वस्त |
भटांशी भेट : केदार पाटणकर |
विश्वस्त |
भटसाहेब २ |
विश्वस्त |
माझा भाऊ सुरेश २ |
विश्वस्त |
'मग माझा जीव'ची आठवण |
विश्वस्त |
रंजकी जब... |
केदार पाटणकर |
फासले ऐसे भी होंगे - भावानुवाद - असेल अ... |
ॐकार |
दोन विडिओ |
प्रमोद हरदास |
'अन् गजल जुळे'...संक्षिप्त प्... |
संपादक |
मला माणसांत रस आहे |
निनावी (not verified) |
गझलचे दुसरे अंग |
प्रसन्न शेंबेकर |
तुकारामांनंतरचा शब्दपूजक कवी : सुरेश भट |
शिवाजी जवरे |
माझ्या कवितेचा प्रवास |
विश्वस्त |
एल्गार- कैफियत |
विश्वस्त |
आपुलिया बळें... . |
निनावी (not verified) |
आयुष्य तारण राहिले... |
संपादक |
सुरेश भटांची गझल : एक संवाद |
विश्वस्त |
सुरेश - राम शेवाळकर |
विश्वस्त |
विजा घेऊन येणाऱ्या पिढ्यांशी बोलतो आम्ही |
विश्वस्त |