शेवटी महत्वाचे |
निनावी (not verified) |
'..तयार झालो!' एका अनामिक... |
ज्ञानेश. |
दिवाळी विशेषांक २००८ |
विश्वस्त |
सुरुवात |
विश्वस्त |
उजाड माळावरती हिरवळ शोधत गेलो |
विश्वस्त |
प्राणात तुला जपले.... |
विश्वस्त |
तेंव्हाही |
विश्वस्त |
खरे सांगतो |
विश्वस्त |
गझल |
विश्वस्त |
परिपूर्ण |
विश्वस्त |
पुन्हा पुन्हा |
विश्वस्त |
काही वेळा... |
विश्वस्त |
बर्यापैकी |
विश्वस्त |
लागली आहे समाधी स्तब्ध पानन् पान माझे |
विश्वस्त |
जगात काही कुरूप नाही, जगात काही सुंदर... |
विश्वस्त |
ही दुनिया घालत आहे कसले हे नवीन कपडे |
विश्वस्त |
म्हणून माझी झेप कधी उंच जाऊ शकली नव्हती |
विश्वस्त |
तोडले संबंध इतके जाहले |
विश्वस्त |
तसा कुठे मी.... |
विश्वस्त |
एवढीही आठवण येऊ नये |
विश्वस्त |
माणुसकीही मरण्याच्या बेतात जणूं |
विश्वस्त |
माझा पत्ता असणारा हा गावच नाही |
विश्वस्त |
तयारी... |
विश्वस्त |
घडामोडी |
विश्वस्त |
...स्वप्न सूर्याचे ! |
विश्वस्त |