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पण आज अचानक कळले... |
मधुघट |
गझल |
श्रीमंत प्रेयसी |
भूषण कटककर |
गझल |
लपंडाव |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
ही गझल आणि एक सांगाडा |
भूषण कटककर |
गझल |
मी डाव मांडलेला........ |
मनिषा नाईक. |
गझल |
पाहिले तुला हळूच |
तुषार जोशी |
गझल |
गझल - ६.(ब) : साकी मला तू असा, गळका जाम देऊ नको : दुरूस्त आणी पुनः संपादित |
खलिश |
गझल |
हातच दगडाखाली माझे... |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
भाष्य |
कुमार जावडेकर |
गझल |
दे |
साकार |
गझल |
की ? कागदाशी खेळणारा टाक आहे ? |
मयुरेश साने |
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भटसाहेब: प्रदीप कुलकर्णी |
विश्वस्त |
गझल |
अधाशी.... |
ameeeeet |
गझल |
निघाल्या गवळणी पाण्याला.... |
निलेश |
गझल |
वादात या कुणीही सहसा पडू नये |
क्रान्ति |
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मी.. माझ्यातला... |
मधुघट |
गझल |
रूक्मिणी... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
मी तुझा (सुधारीत) |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
विटाळ |
काव्यरसिक |
गझल |
सिग्नल |
विजय दि. पाटील |
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माझा भाऊ सुरेश २ |
विश्वस्त |
गझल |
इथे माझा ॠतू आहे इथे राहू नका कोणी... |
मयुरेश साने |
गझल |
कालचा पाऊस |
आनंदयात्री |
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पुन्हा पुन्हा |
विश्वस्त |
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(गझल) |
केशवसुमार |