गझल |
मी डाव मांडलेला........ |
मनिषा नाईक. |
गझल |
रेंगाळणे |
अनंत ढवळे |
गझल |
उगाच काहीतरी |
अलखनिरंजन |
गझल |
होतीस तू |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
...कुठे बेत आहे? |
ह्रषिकेश चुरी |
गझल |
माझ्या मनात थोडे... |
केदार पाटणकर |
गझल |
कधीतरी चांदण्यात दोघे.... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मी जसा भेटतो |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझल |
भलतीच मर्यादीत ह्यांची झेप आहे |
बेफिकीर |
गझल |
गझल : हात माझ्या काळ्जाला लावू नको..... |
खलिश |
गझल |
इकडे कुठे रे आज... या भागात? |
बेफिकीर |
गझल |
बासरी नादावली रे... |
स्वामीजी |
गझल |
साळसूद |
पुलस्ति |
गझल |
गझल |
विजय दि. पाटील |
गझल |
अशी वेळ आणू नको |
गौतमी |
गझल |
हा जुगार |
केदार पाटणकर |
गझल |
............. अजून काही |
विशाल कुलकर्णी |
गझल |
दूर |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
भग्न : मधुघट |
मधुघट |
गझल |
कधी... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
फिरून यायचे इथे टळेल का कधी? |
मिल्या |
गझल |
गुपित |
पुलस्ति |
गझल |
कविता म्हणू प्रियेला.. |
गंगाधर मुटे |
गझल |
चुंबिण्या येऊ नको तू |
मयुरेश साने |
गझल |
दारू - प्रसाद कुलकर्णी |
मीर क्षीरसागर |