गझल |
असे नव्हे |
मिल्या |
गझल |
आभास |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
आरसा |
जयन्ता५२ |
गझल |
विषारी केव्हढे वातावरण आहे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
घोळ |
जयन्ता५२ |
गझल |
मराठी साहित्य क्षेत्र? |
भूषण कटककर |
गझल |
राहुदे मजला कवी |
भूषण कटककर |
गझल |
मनाच्या अडगळीमधले बिलोरी आरसे शोधू |
जयदीप |
गझल |
का सूर नवा हा छेडत जाते भासांची वीणा ? |
सोनाली जोशी |
गझल |
असे करू नये २ |
तिलकधारीकाका |
गझल |
वादात या कुणीही सहसा पडू नये |
क्रान्ति |
गझल |
मैफल |
क्रान्ति |
गझल |
स्थित्यंतरे |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
कुपी |
आनंदयात्री |
गझल |
पुसणारे नसताना कोणी अश्रू ढाळायचे कशाला... |
मयुरेश साने |
गझल |
विसावा |
जगदिश |
गझल |
आता |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
''वाटतो जरी प्रसन्न मी वरुन'' |
कैलास |
गझल |
...मी नवा-निराळा आशय ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
स्वीकार आशयाची |
भूषण कटककर |
गझल |
नाव तुझ्या ओठावर... |
वैभव देशमुख |
गझल |
ती संपली कहाणी |
जयन्ता५२ |
गझल |
किनारा गाठण्यासाठी |
बेफिकीर |
गझल |
'' तीळ '' |
कैलास |
गझल |
राहिले न आजकाल वाचण्यासारखे... |
अजय अनंत जोशी |