गझल |
गझल : मी तुझ्या प्रेमात आहे, तू मला ही प्रेम कर...... |
खलिश |
गझल |
फुलांना दंश काट्यांचे हवे होते..... |
खलिश |
गझल |
साकी मला तू असा, गळका जाम देऊ नको |
खलिश |
गझल |
हात माझे फुलांनी ही पोळले होते..... |
खलिश |
गझल |
कुठे तरी काही तरी जळत होते ..... |
खलिश |
गझल |
ग झ ल : तू कधी स्वप्नात माझ्या येशील का ? ..... |
खलिश |
गझल |
चांदणे प्रेमातले.... |
ग. वि. मिटके |
गझल |
गोचिडांची मौजमस्ती |
गंगाधर मुटे |
गझल |
घुटमळते मन अधांतरी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
तरी हुंदक्यांना गिळावे किती? |
गंगाधर मुटे |
गझल |
आभास मीलनाचा.. |
गंगाधर मुटे |
गझल |
मरण्यात अर्थ नाही |
गंगाधर मुटे |
गझल |
ती स्वप्नसुंदरी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
अंगार चित्तवेधी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
प्राक्तन फ़िदाच झाले |
गंगाधर मुटे |
गझल |
कुंडलीने घात केला |
गंगाधर मुटे |
गझल |
कशी अंकुरावीत आता बियाणे? |
गंगाधर मुटे |
गझल |
पांढरा किडा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
हिशेबाची माय मेली? |
गंगाधर मुटे |
गझल |
मढे मोजण्याला |
गंगाधर मुटे |
गझल |
अस्तित्व दान केले |
गंगाधर मुटे |
गझल |
कविता म्हणू प्रियेला.. |
गंगाधर मुटे |
गझल |
भक्तीविभोर....!! |
गंगाधर मुटे |
गझल |
स्मशानात जागा हवी तेवढी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
पराक्रमी असा मी |
गंगाधर मुटे |