फासले ऐसे भी होंगे - भावानुवाद - असेल अ... |
ॐकार |
मीर तकी मीर ची एक गझल व त्याचे मराठी भा... |
हेमंत पुणेकर |
सहज मनापर्यंत पोहोचलेले.... |
ह बा |
सुरेश भटांच्या गझलांमधील तरल भावकाव्य |
सदानंद डबीर |
मराठी गझलचे 'तंत्र’-काही प्रश्न. |
सदानंद डबीर |
सुरेश भटांच्या गझलांमधील तरल भावकाव्य |
सदानंद डबीर |
आयुष्य तारण राहिले... |
संपादक |
'अन् गजल जुळे'...संक्षिप्त प्... |
संपादक |
तुकारामांनंतरचा शब्दपूजक कवी : सुरेश भट |
शिवाजी जवरे |
काही वेळा... |
विश्वस्त |
सुरेश भटांची गझल : एक संवाद |
विश्वस्त |
...स्वप्न सूर्याचे ! |
विश्वस्त |
माणुसकीही मरण्याच्या बेतात जणूं |
विश्वस्त |
विजा घेऊन- १ |
विश्वस्त |
भटसाहेब ३ |
विश्वस्त |
केला खरेपणाचा नाही विचार त्यांनी |
विश्वस्त |
उजाड माळावरती हिरवळ शोधत गेलो |
विश्वस्त |
भटांशी भेट : केदार पाटणकर |
विश्वस्त |
लागली आहे समाधी स्तब्ध पानन् पान माझे |
विश्वस्त |
तेंव्हाही |
विश्वस्त |
लोकांची संपदा |
विश्वस्त |
१ गझल : योगेश वैद्य |
विश्वस्त |
पेज कॅशे क्लिअर |
विश्वस्त |
संभ्रम की स्पष्टता? |
विश्वस्त |
भटसाहेब ३ |
विश्वस्त |