गझल |
किती दिवस मी रदीफ व्हावे |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
कमळ नव्हे पण गुलाब तू तर - सुनेत्रा सुभाष |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
जीवन विनोद आहे |
भूषण कटककर |
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मतितार्थ सारी शायरी |
भूषण कटककर |
गझल |
हवा |
वैभव देशमुख |
गझल |
रक्तातल्या रसांनो |
भूषण कटककर |
गझल |
ओळ्खीचे |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
शुन्य शुन्यातुन वजा |
भूषण कटककर |
गझल |
ओठी तुझ्या.. |
जयन्ता५२ |
गझल |
भळभळतांना जाणवले की.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
जाणीव |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
रोजचेच |
कौतुक शिरोडकर |
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तेंव्हाही |
विश्वस्त |
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खरे सांगतो |
विश्वस्त |
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गझल |
विश्वस्त |
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परिपूर्ण |
विश्वस्त |
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पुन्हा पुन्हा |
विश्वस्त |
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काही वेळा... |
विश्वस्त |
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बर्यापैकी |
विश्वस्त |
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लागली आहे समाधी स्तब्ध पानन् पान माझे |
विश्वस्त |
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जगात काही कुरूप नाही, जगात काही सुंदर नाही |
विश्वस्त |
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ही दुनिया घालत आहे कसले हे नवीन कपडे |
विश्वस्त |
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म्हणून माझी झेप कधी उंच जाऊ शकली नव्हती |
विश्वस्त |
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तोडले संबंध इतके जाहले |
विश्वस्त |
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तसा कुठे मी.... |
विश्वस्त |