गझल |
सुकावे लागले |
क्रान्ति |
गझल |
मागचे जाती पुढे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
आहे उसंत कोठे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
किनारा |
ॐकार |
गझल |
तुझे आच्छादलेले जग मला सांगून जाते |
बेफिकीर |
गझल |
दिसतो तुला जरी मी......... |
वैभव देशमुख |
गझल |
प्रेम बहुधा |
बेफिकीर |
गझल |
मी झाडांसम फुलणारा |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
आजही अप्रूप वाटे |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
योग नाही! |
क्रान्ति |
गझल |
करून झाले |
क्रान्ति |
गझल |
स्वप्नं मोहरणार... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
टोचले होते.. |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
...वजन एखादे नवे ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
इतके धुळकट रस्ते इथले.... |
अनंत ढवळे |
गझल |
आयुष्यात रचेन एक कविता |
बेफिकीर |
गझल |
'ळ' ची जुळवाजुळव |
भूषण कटककर |
गझल |
ही सरिता रुसली आज किनाऱ्यावरती... |
मानस६ |
गझल |
म्हणालो त्यातले काहीच मी करणार नाही |
विजय दि. पाटील |
गझल |
बातमी |
आनंदयात्री |
गझल |
राज्य दुःखाचे... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
घट अमृताचा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
मी जसा आहे तसा.. |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
तारा असण्याचा भरला सारा सारा मी |
बेफिकीर |
गझल |
हुंदका उरातच गोठवायचा आहे |
वैभव वसंतराव कु... |