गझल |
मिसरे |
क्रान्ति |
गझल |
वंचना |
आसावरी |
गझल |
मनाला पटेना |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
बंडाचा झेंडा कधीच नव्हता हाती! |
क्रान्ति |
गझल |
गारगोट्या |
विसुनाना |
गझल |
काय नभाची आहे इच्छा पाहू... |
वैभव देशमुख |
गझल |
आपला फासा न यावा आपल्यावर... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
छळतो अजूनही का |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
...थांब की जरा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
जटायू |
पुलस्ति |
गझल |
कवी |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
...कुठे बेत आहे? |
ह्रषिकेश चुरी |
गझल |
माझ्या मनात थोडे... |
केदार पाटणकर |
गझल |
कधीतरी चांदण्यात दोघे.... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
नशेत होतो मी ! |
मानस६ |
गझल |
ती नदी गेली कुठे... |
वैभव देशमुख |
पृष्ठ |
कैदखाना |
अभिषेक उदावंत |
कार्यक्रम |
"ऋतु गजलांचे" या गझलांच्या 'सीडी'चा प्रकाशन सोहळा |
जयन्ता५२ |
गझल |
हवा |
वैभव देशमुख |
गझल |
...दिवेलागणीच्या वेळी ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मी अहल्येसारखी... ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
माणसे |
बापू दासरी |
गझल |
धागे |
क्रान्ति |
गझल |
...जाऊ दे मला ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
मनात काही |
जयन्ता५२ |