माझा भाऊ सुरेश २ |
विश्वस्त |
बर्यापैकी |
विश्वस्त |
माझा पत्ता असणारा हा गावच नाही |
विश्वस्त |
एल्गार- कैफियत |
विश्वस्त |
भटसाहेब १ |
विश्वस्त |
जगात काही कुरूप नाही, जगात काही सुंदर... |
विश्वस्त |
एवढीही आठवण येऊ नये |
विश्वस्त |
माझ्या काळाचा अनुवाद |
विश्वस्त |
म्हणून माझी झेप कधी उंच जाऊ शकली नव्हती |
विश्वस्त |
तसा कुठे मी.... |
विश्वस्त |
अस्वस्थ समुद्र काळजातला |
विश्वस्त |
विजा घेऊन येणाऱ्या पिढ्यांशी बोलतो आम्ही |
विश्वस्त |
प्राणात तुला जपले.... |
विश्वस्त |
पुलस्ति ह्यांच्या गझला |
विश्वस्त |
दिवाळी विशेषांक २००८ |
विश्वस्त |
मराठी गझलांचे चैतन्य |
विश्वस्त |
बाहुली |
विश्वस्त |
पुन्हा पुन्हा |
विश्वस्त |
खरे सांगतो |
विश्वस्त |
घडामोडी |
विश्वस्त |
तुकारामांनंतरचा शब्दपूजक कवी : सुरेश भट |
शिवाजी जवरे |
आयुष्य तारण राहिले... |
संपादक |
'अन् गजल जुळे'...संक्षिप्त प्... |
संपादक |
सुरेश भटांच्या गझलांमधील तरल भावकाव्य |
सदानंद डबीर |
मराठी गझलचे 'तंत्र’-काही प्रश्न. |
सदानंद डबीर |