गझल |
हॉटेल पॅराडाइज, पुणे. दि. १९.०१.०९ रात्री ११.३० |
भूषण कटककर |
गझल |
तुझा दोष नाही |
मी अभिजीत |
गझल |
सोबत |
केदार पाटणकर |
गझल |
जगा बेभान यारो |
भूषण कटककर |
गझल |
आवश्यक ! |
ज्ञानेश. |
गझल |
स्वप्न ज्यात मी नसेन... |
बेफिकीर |
गझल |
फडफडतो काळजात माझ्या... |
वैभव देशमुख |
गझल |
मुलगी |
बापू दासरी |
गझल |
फार आता फार झाले |
जयन्ता५२ |
गझल |
तुला समजलो ,कुठे समजली तुझी सहजता |
अनंत ढवळे |
गझल |
हात होतो पुढे भिकार्यांचा |
बेफिकीर |
गझल |
हा शब्दांच्या गुणसूत्रांचा दोष असावा |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
आश्चर्य काय ती ही आनंदली असावी |
मिल्या |
गझल |
पुन्हा सत्य स्वप्नांस तुडवून गेले |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
...का दिसेनात आता कुठे ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
फालतूपणा |
भूषण कटककर |
गझल |
काल ज्या क्षणी तुला मी पाहिले प्रिये |
कैलास |
गझल |
नाही |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
मढे मोजण्याला |
गंगाधर मुटे |
गझल |
गझल - अनंत ढवळे |
अनंत ढवळे |
गझल |
भेट एकदा |
अगस्ती |
गझल |
मुद्दाम भुलवणारे |
जयन्ता५२ |
गझल |
अलामत? सोड चिंता तू..... |
भूषण कटककर |
गझल |
नवी गझल |
विजय दि. पाटील |
गझल |
असे प्रेम देवा |
साकार |