गझल |
तू |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
ओळ्खीचे |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
नाही |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
म्हटले होते |
क्रान्ति |
गझल |
तुझा दोष नाही |
क्रान्ति |
गझल |
करार |
क्रान्ति |
गझल |
जाग |
क्रान्ति |
गझल |
कर्ज |
क्रान्ति |
गझल |
रिती पोकळी |
क्रान्ति |
गझल |
नकार आहे |
क्रान्ति |
गझल |
समिकरणे |
क्रान्ति |
गझल |
पुन्हा |
क्रान्ति |
गझल |
वाणी |
क्रान्ति |
गझल |
नवे ऋतू |
क्रान्ति |
गझल |
मिसरे |
क्रान्ति |
गझल |
बहुधा |
क्रान्ति |
गझल |
मनासारखे |
क्रान्ति |
गझल |
बंडाचा झेंडा कधीच नव्हता हाती! |
क्रान्ति |
गझल |
ते जीवच वेडे होते |
क्रान्ति |
गझल |
मात्रा |
क्रान्ति |
गझल |
कळा लागल्या |
क्रान्ति |
गझल |
खुशाली |
क्रान्ति |
गझल |
मैफल |
क्रान्ति |
गझल |
धोका |
क्रान्ति |
गझल |
वादात या कुणीही सहसा पडू नये |
क्रान्ति |