गझल |
दे चार श्वास दे रे .. |
शाम |
गझल |
पायथा बांधायला आधार नव्हता जोरकस |
बेफिकीर |
गझल |
चढलेल्यांना निम्मा करतो |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
अलामत? सोड चिंता तू..... |
भूषण कटककर |
गझल |
विसावा |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
तुला बोलावतो सागर तुला बोलावती वाटा |
सोनाली जोशी |
गझललेख |
शे(अ)रो शायरी, भाग-६ : तफरीह का सामान किया जाये |
मानस६ |
गझल |
लोचट आशा, नेक निराशा, एक उसासा जीवन |
बेफिकीर |
गझल |
दुष्काळ.... |
चांदणी लाड. |
गझल |
घुटमळते मन अधांतरी |
गंगाधर मुटे |
पृष्ठ |
मी पाहिले उजळूनही... |
विश्वस्त |
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मलई : प्रदीप निफाडकर |
प्रदीप निफाडकर |
गझल |
ह्या कशा उबदार ओळी... |
वैभव जोशी |
गझल |
नाते |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
माझाच व्हावा मला नित्य आधार |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
सांग ओठास तुझी गोष्ट फुलांची बाई |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
..सरल्या गझला |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
तू जरा समजून घे |
प्रज्ञा महाजन |
गझल |
कुणाशी बोलता आहात याची कल्पना आहे? |
बेफिकीर |
गझल |
नाबाद |
बहर |
गझल |
रजनीगंधा |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
जगून काय साधले |
वैभव जोशी |
गझल |
आभास मीलनाचा.. |
गंगाधर मुटे |
गझल |
तुझी आठवण |
रुपेश देशमुख |
गझल |
शब्दाना अडवीत गेले. |
नीता |