गझल |
रुतावे कुठे |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
मोजकी उन्हे , मोजक्या सरी |
वैभव जोशी |
गझल |
विठू |
क्रान्ति |
गझल |
रस्ता देतो |
जयदीप |
गझल |
चढलेल्यांना निम्मा करतो |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
पुन्हा... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
मौक्तिकांत शिंपला शोधू |
मिलिंद फणसे |
गझल |
विटाळ |
काव्यरसिक |
गझल |
हे तेवढे बरे झाले |
श्यामली |
गझल |
बोलताना तोल गेला... |
मानस६ |
गझल |
मौन तुझे |
क्रान्ति |
गझल |
...मी हासतो आहे |
मधुघट |
गझल |
चिडता का हो ? |
निशिकांत दे |
गझल |
सुधारित "किनारा..." |
अमित वाघ |
गझल |
असे कसे ते मधेच घडते? |
चमत्कारी |
गझल |
धागे |
क्रान्ति |
गझल |
''जीवन अंधारातच आहे'' |
कैलास |
गझल |
कावळे घाटावरी... |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
अशी कशी ही बदलत गेली सर्व माणसे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
आई दे.. |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
गझलेचा आजार हवा |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
माझा मुलगा |
स्नेहदर्शन |
गझल |
कर्जमाफीच्या आमिशावर अशी माजली शेते |
कैलास गांधी |
गझल |
ही गझल आणि एक सांगाडा |
भूषण कटककर |
गझल |
पूर्वीगत पण आता काही लिहिवत नाही |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |