गझल |
एक उदासी खोलीभर.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
दे चार श्वास दे रे .. |
शाम |
गझल |
बोलली डोळ्यातुनी ती आणि कविता सुचत गेली... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
आश्चर्य काय ती ही आनंदली असावी |
मिल्या |
गझल |
पेटतो सोहळा... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
खेळ |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
नास्तिक...! |
काव्यरसिक |
गझल |
अदृश्यच असतो क्रूस कधी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
काय सांगू |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
तू परतून यावे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
कुठे म्हणालो परी असावी |
प्रणव सदाशिव काळे |
गझल |
तुझ्याविना हे शहर तुझे |
वैभव जोशी |
गझल |
मंत्र |
प्रशान्त वेलापुरे |
गझल |
असे झाले तसे झाले.... |
मयुरेश साने |
गझल |
रोजचेच.. (तरही गझल) |
ज्ञानेश. |
गझल |
माझी आई |
ह बा |
गझल |
तुला समजलो ,कुठे समजली तुझी सहजता |
अनंत ढवळे |
गझल |
|| मुखवटा || |
आकाश |
गझल |
बेसुरी सुरुवात... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
घोटाळा (हझल) |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
झेलू |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
देशील मला तू अश्रू.... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
इरेला पेटला आहे पिसारा |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
अंदाज : डॉ. श्रीकृष्ण राऊत |
डॉ. श्रीकृष्ण राऊत |
गझल |
कसे सांगायचे |
अनिल रत्नाकर |