गझल |
...जाऊ दे मला ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
असे झाले तसे झाले.... |
मयुरेश साने |
गझल |
...पुढे मी गेलो ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
कितीदा |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
अनेक वर्षे जमीन उजाड पडून आहे |
सोनाली जोशी |
गझल |
ना ठावुक तुजला... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
जीवन विनोद आहे |
भूषण कटककर |
गझल |
बोलणे माझे ... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
मरण्यात अर्थ नाही |
गंगाधर मुटे |
गझल |
संध्याकाळ झाली |
प्रसाद लिमये |
गझल |
...स्मरशील तू ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
ना ते |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
वेळ जावा लागतो... |
ज्ञानेश. |
गझल |
ती स्वप्नसुंदरी |
गंगाधर मुटे |
गझल |
आरसा |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
एवढे नसते जलद आयुष्य सरण्यासारखे! |
प्रोफेसर |
गझल |
तु |
इलोवेमे |
गझल |
पिले खेकड्यांची |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
शोधायचा कशाला? |
स्वामीजी |
गझल |
क्षण तो सोसाट्याचा होता |
वैभव देशमुख |
गझल |
ठुमरी |
पुलस्ति |
गझल |
हेच असावे सत्य... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
लाथाडती सारे मला |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
पतंग |
नितीन |
गझल |
दुसरा कुणीच नाही.... |
जयश्री अंबासकर |