गझल |
हे तेच ते दिनरात.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
मनाला |
क्रान्ति |
गझल |
सीमेवरती... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
किती सुखाचे असेल |
क्रान्ति |
गझल |
बांधुन मी... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
रित |
कैलास |
गझल |
भेट चोरटी... |
ज्ञानेश. |
गझल |
रात्री जे घडले त्याची दिवसाला वार्ता नसते |
प्रणव सदाशिव काळे |
गझलचर्चा |
काफियाचा प्रश्न |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
...पुढे मी गेलो ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
'' बरे दिसत नाही '' |
कैलास |
गझल |
मुंबई - इलाही जमादार |
मीर क्षीरसागर |
गझल |
वाटे पुन्हा पुन्हा.. |
बहर |
गझल |
...जन्म चकव्यासारखा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
भूमिका |
क्रान्ति |
गझल |
गप्प नसती लोक काही नेमके पाहूनही |
सोनाली जोशी |
गझल |
पौर्णिमा |
चक्रपाणि |
गझल |
देवास ज्ञात आहे (अल्लाह जानता है) |
कुमार जावडेकर |
गझल |
कधीकाळी तुझ्यासाठी |
आनंदयात्री |
गझल |
हे शहर माझी व्यथा सांभाळते |
प्रसन्न शेंबेकर |
गझल |
जुने पेच ते..... |
बहर |
गझल |
'' धर्म '' |
कैलास |
गझल |
शब्द होते, तरी.. |
ज्ञानेश. |
गझल |
मॄत्यू अर्धविरामावस्था |
अनंत ढवळे |
गझल |
ठराव नक्की मिळेल अंतर |
अजय अनंत जोशी |