रांगले होते |
अनिल रत्नाकर |
15 March 2010 |
ऋतुंची ऐकली कुजबूज मी |
बेफिकीर |
15 March 2010 |
बोलणे माझे ... |
अजय अनंत जोशी |
12 March 2010 |
आयुष्यात रचेन एक कविता |
बेफिकीर |
15 March 2010 |
संताप |
काव्यरसिक |
5 March 2010 |
..... पुन्हा पुन्हा ! |
जयश्री अंबासकर |
11 March 2010 |
गप्प नसती लोक काही नेमके पाहूनही |
सोनाली जोशी |
12 March 2010 |
काही वेळा..... |
बेफिकीर |
8 March 2010 |
हात माझे फुलांनी ही पोळले होते..... |
खलिश |
10 March 2010 |
इथे असतीस तर तू..... |
बेफिकीर |
6 March 2010 |
तुझ्याविना हे शहर तुझे |
वैभव जोशी |
4 August 2009 |
जात आहे मार्ग टाळूनी तुला |
अजय अनंत जोशी |
1 February 2010 |
अढी कपाळावरील जेव्हा मनात गेली.. |
ज्ञानेश. |
15 June 2009 |
रस्ता भरलेला असतो अन गर्दी साचत असते |
सोनाली जोशी |
26 February 2010 |
मी क्धी ना अड्वले |
अनिल रत्नाकर |
11 March 2010 |
सोडले तेंव्हा तुला... |
अजय अनंत जोशी |
19 November 2009 |
रिवाज पाळू... |
ज्ञानेश. |
15 December 2008 |
वारुळे |
अनिल रत्नाकर |
24 February 2010 |
आता माझी एक ओळही मलाच भावत नाही |
भूषण कटककर |
27 July 2009 |
स्वप्नभूमी |
महेश बाहुबली |
23 February 2010 |
बघ तुझे माझे बिनसले शेवटी |
बेफिकीर |
26 February 2010 |
काव्य जगावे |
क्रान्ति |
28 February 2010 |
निरर्थक... |
अजय अनंत जोशी |
12 September 2008 |
टाहो... |
अजय अनंत जोशी |
19 September 2008 |
संपत नाही |
केदार पाटणकर |
17 July 2009 |