गझल |
प्रवास |
पुलस्ति |
सोम, 15/10/2007 - 23:02 |
गझल |
एक फोन कर... |
रुपेश देशमुख |
रवि, 14/10/2007 - 21:33 |
गझल |
स्वप्न आता पापणीला छळत नाही |
प्रमोद बेजकर |
शनि, 13/10/2007 - 14:34 |
गझल |
वेग माझ्या पालखीचा मंद होता.. |
मानस६ |
शुक्र, 12/10/2007 - 22:04 |
गझल |
..सरल्या गझला |
संतोष कुलकर्णी |
शुक्र, 12/10/2007 - 18:22 |
गझल |
काही असे घडावे |
जयन्ता५२ |
गुरु, 11/10/2007 - 09:02 |
गझल |
...काय फायदा ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
गुरु, 11/10/2007 - 02:04 |
गझल |
...जाऊ दे मला ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गुरु, 11/10/2007 - 01:39 |
गझल |
सवाल... |
अमित वाघ |
सोम, 08/10/2007 - 22:30 |
गझल |
लगाम |
मिल्या |
सोम, 08/10/2007 - 17:14 |
गझल |
भ्रम..... |
अमित वाघ |
शनि, 06/10/2007 - 15:40 |
गझल |
पारिजात |
अमित वाघ |
रवि, 30/09/2007 - 21:01 |
गझल |
वार कुणावर... |
अजब |
रवि, 30/09/2007 - 17:18 |
गझल |
ज्वानी भरात आहे, मदमस्त रात आहे...! |
मानस६ |
रवि, 30/09/2007 - 12:40 |
गझल |
गेले हळूच जेव्हा मी चोरपावलांनी... |
सोनाली जोशी |
शुक्र, 28/09/2007 - 21:49 |
गझल |
जाहिरात - अभिषेक उदावंत |
अभिषेक उदावंत |
गुरु, 27/09/2007 - 18:32 |
गझल |
बस जराशा मी पणाने.... |
अमित वाघ |
बुध, 26/09/2007 - 21:20 |
गझलचर्चा |
जोडाक्षराच्या पुढील मागील शब्दाचे लघु गुरु कसे असतात ? |
स्वप्ना |
रवि, 23/09/2007 - 15:53 |
गझल |
दरवळ |
अमोल शिरसाट |
शनि, 22/09/2007 - 19:03 |
गझल |
...थांब की जरा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
बुध, 19/09/2007 - 21:59 |
गझल |
...मन माझे ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
मंगळ, 18/09/2007 - 23:10 |
गझलचर्चा |
वेचक छंदविचार |
विश्वस्त |
बुध, 05/09/2007 - 15:28 |
गझलचर्चा |
अक्षरविचार आणि गणविचार |
विश्वस्त |
बुध, 05/09/2007 - 15:20 |
गझलचर्चा |
छंद, जाती, वृत्त आणि यतिविचार |
चित्तरंजन भट |
बुध, 05/09/2007 - 14:28 |
गझल |
मौन |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
सोम, 03/09/2007 - 14:38 |