गझल |
अस्वस्थ |
संतोष कुलकर्णी |
शनि, 01/09/2007 - 19:02 |
गझल |
ही सरिता रुसली आज किनाऱ्यावरती... |
मानस६ |
शुक्र, 31/08/2007 - 22:39 |
गझल |
गझल |
संतोष कुलकर्णी |
शुक्र, 31/08/2007 - 16:28 |
गझल |
तोरा |
पुलस्ति |
मंगळ, 28/08/2007 - 18:16 |
गझल |
...दूर दूर ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
मंगळ, 28/08/2007 - 02:38 |
गझल |
...कोठे जाऊ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
मंगळ, 28/08/2007 - 02:20 |
गझल |
मला तुझ्या धर्माची भीती |
अनंत ढवळे |
सोम, 27/08/2007 - 13:32 |
गझल |
फिरुन कातरवेळ येता पापणी ओलावते.. |
मानस६ |
रवि, 26/08/2007 - 15:56 |
गझल |
सोपे नसते |
कुमार जावडेकर |
रवि, 26/08/2007 - 11:33 |
गझल |
आहे उसंत कोठे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गुरु, 23/08/2007 - 22:08 |
गझल |
प्रश्न ऐसे.. |
जयन्ता५२ |
मंगळ, 21/08/2007 - 11:49 |
गझल |
...मित्रा |
संतोष कुलकर्णी |
शुक्र, 17/08/2007 - 18:38 |
गझल |
शब्द |
संतोष कुलकर्णी |
शुक्र, 17/08/2007 - 18:07 |
गझल |
भान माझे... (अजब) |
अजब |
बुध, 15/08/2007 - 15:03 |
गझल |
कसे जगावे...? |
संतोष कुलकर्णी |
मंगळ, 14/08/2007 - 18:31 |
गझल |
एक वेडी वेदनेची जात आहे. |
मानस६ |
मंगळ, 14/08/2007 - 14:53 |
गझल |
..आता नको ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
सोम, 13/08/2007 - 23:44 |
गझल |
...कवितेने दिले ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
सोम, 13/08/2007 - 23:36 |
गझल |
घावामागून घाव घातले त्याबद्दल आभार.. |
मानस६ |
मंगळ, 07/08/2007 - 10:30 |
गझल |
मंतरलेल्या सायंकाळी |
संतोष कुलकर्णी |
सोम, 06/08/2007 - 18:23 |
गझल |
आजही अप्रूप वाटे |
संतोष कुलकर्णी |
सोम, 06/08/2007 - 18:13 |
गझल |
दुःखाने कुठल्या समुद्र इतका हेलावतो सारखा ? |
चित्तरंजन भट |
सोम, 06/08/2007 - 12:50 |
गझल |
वेळी अवेळी |
जयन्ता५२ |
सोम, 06/08/2007 - 12:25 |
गझल |
कुठे म्हणालो?... (अजब) |
अजब |
शुक्र, 03/08/2007 - 16:35 |
गझल |
...कोण मी तुझा ? |
प्रदीप कुलकर्णी |
सोम, 30/07/2007 - 23:10 |