गझल |
पुन्हा पुन्हा !! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
मोल |
आनंदयात्री |
गझल |
किमया |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
ताठ |
भूषण कटककर |
गझल |
पक्षी येती झाड बहरता , वठल्यावरती कुणी न दिसते |
सोनाली जोशी |
गझल |
टोचले होते.. |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
साधवी... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
ओलावा |
rupali joshi |
गझल |
कशाचा शोध काही घेत नसतो |
चित्तरंजन भट |
गझल |
भेट |
सोनाली जोशी |
गझल |
भणंग ४ |
चमत्कारी |
गझल |
अर्थ मौनाचे... |
निरज कुलकर्णी |
गझल |
माणसांना भार होती माणसे |
निलेश कालुवाला |
गझल |
नको ... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
कशासाठी कुणासाठी... |
अनंत नांदुरकर खलिश |
गझल |
ना मिळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
र॑ग अपुले मिसळले नाही..... |
वैभव देशमुख |
गझल |
अजून श्वास पाळती ! तुझ्या खुणा पुन्हा पुन्हा...... |
मयुरेश साने |
गझल |
पेटतो सोहळा... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
जाळशील का तू? |
ह्रषिकेश चुरी |
गझल |
जागलेली रात... |
मयुरेश साने |
गझल |
मी मोकळा |
अलखनिरंजन |
गझल |
जुने पेच ते..... |
बहर |
गझल |
मलीन ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
लिहायचे ते लिहून टाकू |
बेफिकीर |