गझल |
असोशी.... |
अमित वाघ |
गझल |
बाकी तसा कैदेत काही त्रास नसतो 'बेफिकिर' |
बेफिकीर |
गझल |
गारवा..! |
मी अभिजीत |
गझल |
रे जीवना... |
निलेश |
गझल |
कर्जमाफीच्या आमिशावर अशी माजली शेते |
कैलास गांधी |
गझल |
दे चार श्वास दे रे .. |
शाम |
गझल |
बहरली मनाची कधी बाग साधी ? |
खलिश |
गझल |
मलीन ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
विठू |
क्रान्ति |
गझल |
तीच भेटावी.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
जरासा त्रास होतो |
ह्रषिकेश चुरी |
गझल |
अदृश्यच असतो क्रूस कधी |
चित्तरंजन भट |
गझल |
फक्त येवढा तिचा ... |
स्नेहदर्शन |
गझल |
खूप झाले, हे व्यथांना रोजचे.... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
विटाळ |
काव्यरसिक |
गझल |
कुठे म्हणालो परी असावी |
प्रणव सदाशिव काळे |
गझल |
मागचे येतील नंतर |
केदार पाटणकर |
गझल |
गप्प ३. |
तिलकधारीकाका |
गझल |
छल्ला |
बेफिकीर |
गझल |
म्हणालो त्यातले काहीच मी करणार नाही |
विजय दि. पाटील |
गझल |
काय सांगू |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
प्रेम बर्फासारखे... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
गझल |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
माझी आई |
ह बा |
गझल |
बत्तीस तारखेला |
गंगाधर मुटे |