गझल |
वजाबाक्या |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
धान्य हा तर दारूसाठी माल कच्चा.. |
कैलास गांधी |
गझल |
...शून्य माझी कलमकारी !! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
कसे जगावे...? |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
जगा बेभान यारो |
भूषण कटककर |
गझल |
स्वप्नांच्या दुनियेत ... |
अजब |
गझल |
मनासारखे |
क्रान्ति |
गझल |
शहर झाले चांदण्याचे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
बहुधा |
क्रान्ति |
गझल |
पहारे |
जयन्ता५२ |
गझल |
ग झ ल : मला का तो वियोगाची व्यथा देतो ? |
खलिश |
गझल |
तारा असण्याचा भरला सारा सारा मी |
बेफिकीर |
गझल |
तुझ्या हातात माझ्या जिंदगीचा कासरा मी देत आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
नेहमीचेच सारे |
प्रसाद लिमये |
गझल |
आयुष्यात रचेन एक कविता |
बेफिकीर |
गझल |
चालला शब्दांतुनी... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
प्रवास |
पुलस्ति |
गझल |
तुकारामा.. |
रुपेश देशमुख |
गझल |
जशा कैक होत्या व्यथा गोंदलेल्या |
श्यामली |
गझल |
कुणी न समजुन घेतला... |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
गझल |
अनंत ढवळे |
गझल |
तू दिलेली सोडचिट्ठी... |
ज्ञानेश. |
गझल |
हातघाई |
गणेश धामोडकर |
गझल |
नशेत होतो मी ! |
मानस६ |
गझल |
दुष्काळ.... |
चांदणी लाड. |