गझल |
राहिले माझेतुझे नाते घसाऱ्यासारखे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
नसतीच आसवे तर.... |
ह बा |
गझल |
कल्लोळ |
मिल्या |
गझल |
काळजी |
आनंदयात्री |
गझल |
मुंबई - इलाही जमादार |
मीर क्षीरसागर |
गझल |
तारा असण्याचा भरला सारा सारा मी |
बेफिकीर |
गझल |
असे बाहेर डोकावू नका आतील दु:खांनो.... |
बेफिकीर |
गझल |
हुंदका उरातच गोठवायचा आहे |
वैभव वसंतराव कु... |
गझल |
होकार |
आनंदयात्री |
गझल |
इतके धुळकट रस्ते इथले.... |
अनंत ढवळे |
गझल |
केवढी आग लागली होती |
अनंत ढवळे |
गझल |
तुकारामा उगा तू काढली पाण्यातुनी गाथा |
ह बा |
गझल |
आहे उसंत कोठे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
पृष्ठ |
पेंग- दीपक करंदीकर |
निनावी (not verified) |
गझल |
आयुष्य खूप गेले, |
जयन्ता५२ |
गझल |
कशाला फुलांनी |
सोनाली जोशी |
गझल |
काही दशके त्याचे.... पाल्हाळ कशासाठी |
भूषण कटककर |
गझल |
लागला गळपफास तेव्हा तरतरी श्वासात आली! |
सतीश देवपूरकर |
गझल |
मला येत नाही |
भूषण कटककर |
गझल |
ती इतकी करारी वाटते |
निलेश कालुवाला |
गझल |
प्राक्तन फ़िदाच झाले |
गंगाधर मुटे |
गझल |
बहरली मनाची कधी बाग साधी ? |
खलिश |
गझल |
मंतरलेल्या सायंकाळी |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
पाहिजे..... |
अमित वाघ |
गझललेख |
अनंतची गझल |
विश्वस्त |