गझल |
नको आणखी |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
हाक |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
जरासा... |
विसुनाना |
गझल |
गझल |
उपरा |
गझल |
राहिले माझेतुझे नाते घसाऱ्यासारखे |
चित्तरंजन भट |
गझल |
मी झाडांसम फुलणारा |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
आजही अप्रूप वाटे |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
योग नाही! |
क्रान्ति |
गझल |
जीवन |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
मलीन ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
बहरली मनाची कधी बाग साधी ? |
खलिश |
गझललेख |
शेरो-शायरी: दर्द मिन्नतकश-ए-दवा न हुआ |
मानस६ |
गझल |
कविता म्हणू प्रियेला.. |
गंगाधर मुटे |
गझल |
पाहिजे तेव्हा कुणीही... |
केदार पाटणकर |
गझल |
आयुष्यात रचेन एक कविता |
बेफिकीर |
गझल |
मी जरा बोलायला गेलो कुठे |
निलेश कालुवाला |
गझल |
इतके धुळकट रस्ते इथले.... |
अनंत ढवळे |
गझल |
आपण दोघे |
रुपेश देशमुख |
गझल |
माझ्यातला चांगुलपणा वर आण तू |
बेफिकीर |
गझल |
सडे मुरवुनी |
बेफिकीर |
गझल |
...हे नसे थोडके ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
आहे उसंत कोठे |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
मी जसा आहे तसा.. |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
मोगरा |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
तारा असण्याचा भरला सारा सारा मी |
बेफिकीर |