गझल |
या द्यूतामध्ये कितिदा.. |
गणेश धामोडकर |
गझल |
हात होतो पुढे भिकार्यांचा |
बेफिकीर |
गझल |
कहाणी |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
स्वप्न ज्यात मी नसेन... |
बेफिकीर |
गझल |
मुलगी |
बापू दासरी |
गझल |
माझा मलाच आता... |
सदानंद डबीर |
गझल |
फार आता फार झाले |
जयन्ता५२ |
गझल |
हा शब्दांच्या गुणसूत्रांचा दोष असावा |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
मढे मोजण्याला |
गंगाधर मुटे |
गझल |
आश्चर्य काय ती ही आनंदली असावी |
मिल्या |
गझल |
पुन्हा सत्य स्वप्नांस तुडवून गेले |
गिरीश कुलकर्णी |
गझल |
लपंडाव |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
कोजागिरी |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
नवी गझल |
विजय दि. पाटील |
गझल |
फालतूपणा |
भूषण कटककर |
गझल |
काल ज्या क्षणी तुला मी पाहिले प्रिये |
कैलास |
गझल |
संगतीला संगतीचा... |
मानस६ |
गझल |
कुणाशी बोलता आहात याची कल्पना आहे? |
बेफिकीर |
गझल |
भेट एकदा |
अगस्ती |
गझल |
मुद्दाम भुलवणारे |
जयन्ता५२ |
गझल |
रात्री जे घडले त्याची दिवसाला वार्ता नसते |
प्रणव सदाशिव काळे |
गझल |
अस्तित्व दान केले |
गंगाधर मुटे |
गझल |
पहारे |
जयन्ता५२ |
गझल |
पाहुनी तुला |
केदार पाटणकर |
गझल |
वेळी अवेळी |
जयन्ता५२ |