गझल |
स्वप्न आता पापणीला छळत नाही |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
कुठून जायचे पुढे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
अखाडा |
धोंडोपंत |
गझल |
निरर्थक... |
अजय अनंत जोशी |
गझललेख |
खरे तर दार वा-याने... |
केदार पाटणकर |
गझल |
स्थित्यंतरे |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
दुकाने |
मिलिंद फणसे |
गझल |
गझल |
मिल्या |
गझल |
समज |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
चार ओळी |
ज्ञानेश. |
गझल |
उस्ताद |
ॐकार |
गझल |
''तुझ्याविना या जगात माझा जगावयाला नकार आहे'' |
कैलास |
गझल |
भाव |
क्रान्ति |
गझल |
सखे ठोठावते आहेस कुठले दार देहाचे? |
ॐकार |
गझल |
जगेन मी |
भूषण कटककर |
गझल |
मोल |
आनंदयात्री |
गझल |
आणखी एक सपाट गझल |
भूषण कटककर |
गझल |
पारिजात |
अमित वाघ |
गझल |
शब्दार्थ |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
नव्या यमांची नवीन भाषा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
अहं ब्रह्मास्मि |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
ही घडी दे !!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
तमाशा |
पुलस्ति |
गझल |
गुलाबपाणी |
गौतमी |
गझल |
काय झाले जरी गेला तडा |
जयन्ता५२ |