गझल |
मिठाई |
पुलस्ति |
गझल |
ना कळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
टाहो... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
भरावे शेत वात्सल्यात... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
रोजचेच |
कौतुक शिरोडकर |
गझल |
एक होऊ या क्षणी |
केदार पाटणकर |
गझल |
कविता |
पुलस्ति |
गझल |
मी प्रेम दे म्हणालो... |
शाम |
गझल |
नव्हतो |
आनंदयात्री |
गझल |
तुला माहीत आहे ती |
भूषण कटककर |
गझल |
कुठून जायचे पुढे |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
निरर्थक... |
अजय अनंत जोशी |
गझललेख |
खरे तर दार वा-याने... |
केदार पाटणकर |
गझल |
समज |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
चार ओळी |
ज्ञानेश. |
गझल |
उस्ताद |
ॐकार |
गझल |
नाते |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
''तुझ्याविना या जगात माझा जगावयाला नकार आहे'' |
कैलास |
गझल |
भाव |
क्रान्ति |
गझल |
सखे ठोठावते आहेस कुठले दार देहाचे? |
ॐकार |
गझल |
जगेन मी |
भूषण कटककर |
गझल |
अखाडा |
धोंडोपंत |
गझल |
स्वप्न आता पापणीला छळत नाही |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
स्थित्यंतरे |
जनार्दन केशव म्... |
गझल |
आणखी एक सपाट गझल |
भूषण कटककर |