गझल |
हे तेच ते दिनरात.. |
केदार पाटणकर |
गझल |
पुन्हा केव्हातरी बोलू... |
रुपेश देशमुख |
गझल |
तू दिलेल्या वेदना |
जयश्री अंबासकर |
गझल |
नवरे |
भूषण कटककर |
गझल |
मनाला |
क्रान्ति |
गझल |
तुझे आच्छादलेले जग मला सांगून जाते |
बेफिकीर |
गझल |
दरवळ |
अमोल शिरसाट |
गझल |
तोरा |
पुलस्ति |
गझल |
प्रेम बहुधा |
बेफिकीर |
गझल |
आयुष्य माझे |
मिल्या |
गझल |
गुपित |
पुलस्ति |
गझल |
गझल |
मिलिंद फणसे |
गझल |
योग नाही! |
क्रान्ति |
गझल |
व्यर्थ |
आभाळ |
गझल |
एक वेडी वेदनेची जात आहे. |
मानस६ |
गझल |
...हे नसे थोडके ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
करून झाले |
क्रान्ति |
गझल |
टोचले होते.. |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
आयुष्यात रचेन एक कविता |
बेफिकीर |
गझल |
जीवन |
संतोष कुलकर्णी |
गझल |
आपण दोघे |
रुपेश देशमुख |
गझल |
लाज ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
म्हणालो त्यातले काहीच मी करणार नाही |
विजय दि. पाटील |
गझल |
फुलांना जर असे |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
घट अमृताचा |
गंगाधर मुटे |