भटसाहेब ३ |
विश्वस्त |
भटसाहेब ३ |
विश्वस्त |
भटसाहेबांच्या सहवासात... |
प्रदीप कुलकर्णी |
भटसाहेबांच्या सहवासात... |
प्रदीप कुलकर्णी |
भटांशी भेट : केदार पाटणकर |
विश्वस्त |
भाषा - एक कपाट |
भूषण कटककर |
मराठी गझल धोक्याच्या वळणावर |
निनावी (not verified) |
मराठी गझलचे 'तंत्र’-काही प्रश्न. |
सदानंद डबीर |
मराठी गझलांचे चैतन्य |
विश्वस्त |
मला माणसांत रस आहे |
निनावी (not verified) |
माझा पत्ता असणारा हा गावच नाही |
विश्वस्त |
माझा भाऊ सुरेश २ |
विश्वस्त |
माझ्या कवितेचा प्रवास |
विश्वस्त |
माझ्या काळाचा अनुवाद |
विश्वस्त |
माणुसकीही मरण्याच्या बेतात जणूं |
विश्वस्त |
मी पाहिले उजळूनही... |
विश्वस्त |
मीर तकी मीर ची एक गझल व त्याचे मराठी भा... |
हेमंत पुणेकर |
म्हणून माझी झेप कधी उंच जाऊ शकली नव्हती |
विश्वस्त |
रंजकी जब... |
केदार पाटणकर |
लागली आहे समाधी स्तब्ध पानन् पान माझे |
विश्वस्त |
लोकांची संपदा |
विश्वस्त |
शांत मी राहू कशी |
विश्वस्त |
शे(अ)रो शायरी, भाग-५ : दोस्ती से दुश्मन... |
मानस६ |
शे(अ)रो शायरी, भाग-६ : तफरीह का सामान क... |
मानस६ |
शे(अ)रो शायरी, भाग-७ : वो लब कि जैसे स... |
मानस६ |