खुशाली |
क्रान्ति |
5 October 2009 |
आयुष्य |
आरती सुदाम कदम |
12 October 2009 |
अंगार |
काव्यरसिक |
8 October 2009 |
काय सुनसान पोकळी आहे |
बेफिकीर |
16 October 2009 |
एवढे फिरून.. |
ज्ञानेश. |
7 October 2009 |
कधी करावी सकाळ |
बेफिकीर |
5 October 2009 |
मंजूर नाही |
क्रान्ति |
10 September 2009 |
जशी रात्र झाली... |
केदार पाटणकर |
10 October 2009 |
...फर्मास गप्पा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
10 October 2009 |
येथे राज्य चालते माझे |
बेफिकीर |
13 October 2009 |
चालेल तोवर चालु दे ! |
अजय अनंत जोशी |
12 October 2009 |
दूर |
ऋत्विक फाटक |
16 March 2009 |
चला 'बेफिकिर', जायची वेळ गेली |
बेफिकीर |
11 October 2009 |
शेवटी झोपायचे आहे सदासाठी तुला |
बेफिकीर |
6 October 2009 |
गातो तुझेच गाणे |
मिल्या |
7 September 2009 |
काही दशके त्याचे.... पाल्हाळ कशासाठी |
भूषण कटककर |
15 July 2009 |
साभार परत.. |
काव्यरसिक |
4 October 2009 |
विटाळ |
काव्यरसिक |
4 October 2009 |
एकदा येऊन जा तू... एकदा येऊन जा |
बेफिकीर |
17 September 2009 |
अजूनही |
केदार पाटणकर |
16 June 2007 |
अन्यथा मृत्यूस साला |
बेफिकीर |
30 September 2009 |
मला वेळ नाही |
अलखनिरंजन |
9 September 2009 |
गझल-" म्हणून जगणे आले"- |
विदेश |
29 September 2009 |
स्वप्न ज्यात मी नसेन... |
बेफिकीर |
23 September 2009 |
वादळे उसळून आल्यावर.... |
केदार पाटणकर |
7 July 2009 |