गझल |
''वाटत आहे'' |
कैलास |
गझल |
प्रेतयात्रा |
भूषण कटककर |
गझल |
साळसूद |
पुलस्ति |
गझल |
हळू हळू 'बेफिकीर' होण्यातली मजाही बरीच आहे |
बेफिकीर |
गझल |
लाव्हा |
मधुघट |
गझल |
जिंदगी |
यादगार |
गझल |
''जमले'' |
कैलास |
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खरे ना? |
विसुनाना |
गझल |
चेहरा दे कोणताही बाटतो का आरसा ? ........... |
मयुरेश साने |
गझल |
भांडेल कोण आता? |
विजय दि. पाटील |
गझल |
अनेक वर्षे जमीन उजाड पडून आहे |
सोनाली जोशी |
गझल |
वेळ जावा लागतो... |
ज्ञानेश. |
गझल |
आरसा |
अजय अनंत जोशी |
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माणुसकीही मरण्याच्या बेतात जणूं |
विश्वस्त |
गझल |
हेच असावे सत्य... |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
फुलांनी काय हो केले ? |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
गंध नाही फारसा... |
ज्ञानेश. |
गझल |
हृदय असते उगाचच! |
भूषण कटककर |
गझल |
ऎकले आहे तुला ती साथ देते |
जयदीप |
गझल |
जा मुक्त तू |
जयन्ता५२ |
गझल |
प्रश्न |
शैलेश कुलकर्णी |
गझल |
अंगार |
काव्यरसिक |
गझल |
वाणी |
क्रान्ति |
गझल |
कसा कसा वाढला कळू दे ,माझा तुझा दुरावा... |
सोनाली जोशी |
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ही दुनिया घालत आहे कसले हे नवीन कपडे |
विश्वस्त |