गझल |
ही सरिता रुसली आज किनाऱ्यावरती... |
मानस६ |
गझल |
'ळ' ची जुळवाजुळव |
भूषण कटककर |
गझल |
गझल |
मिलिंद फणसे |
गझल |
बातमी |
आनंदयात्री |
गझल |
म्हणालो त्यातले काहीच मी करणार नाही |
विजय दि. पाटील |
गझल |
घट अमृताचा |
गंगाधर मुटे |
गझल |
व्यर्थ |
आभाळ |
गझल |
एक वेडी वेदनेची जात आहे. |
मानस६ |
गझल |
मी जसा आहे तसा.. |
ऋत्विक फाटक |
गझल |
राज्य दुःखाचे... |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
तारा असण्याचा भरला सारा सारा मी |
बेफिकीर |
गझल |
असे बाहेर डोकावू नका आतील दु:खांनो.... |
बेफिकीर |
गझल |
हुंदका उरातच गोठवायचा आहे |
वैभव वसंतराव कु... |
गझल |
होकार |
आनंदयात्री |
गझल |
केवढी आग लागली होती |
अनंत ढवळे |
गझल |
तुकारामा उगा तू काढली पाण्यातुनी गाथा |
ह बा |
पृष्ठ |
पेंग- दीपक करंदीकर |
निनावी (not verified) |
गझल |
आयुष्य खूप गेले, |
जयन्ता५२ |
गझल |
कशाला फुलांनी |
सोनाली जोशी |
गझल |
काही दशके त्याचे.... पाल्हाळ कशासाठी |
भूषण कटककर |
गझल |
फुलांना जर असे |
प्रमोद बेजकर |
गझल |
लागला गळपफास तेव्हा तरतरी श्वासात आली! |
सतीश देवपूरकर |
गझल |
मला येत नाही |
भूषण कटककर |
गझल |
ती इतकी करारी वाटते |
निलेश कालुवाला |
गझल |
प्राक्तन फ़िदाच झाले |
गंगाधर मुटे |