गझल |
सांजवेळी आठवांचा मेघ हा दाटे पुन्हा.. |
शाम |
गझल |
चालेल तोवर चालु दे ! |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
तुलाही, मलाही... |
ज्ञानेश. |
गझल |
वादळे उसळून आल्यावर.... |
केदार पाटणकर |
गझल |
राखते तोल मी.....!!! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
पडल्यापडल्या जागोजागी उसवत आहे |
विजय दि. पाटील |
गझल |
गुणगुणावे मी तुला ...... |
वैभव देशमुख |
गझल |
ना कळे |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
भ्रम..... |
अमित वाघ |
गझल |
हमी |
आनंदयात्री |
गझल |
सजा |
क्रान्ति |
गझल |
खुशाली |
आनंदयात्री |
गझल |
जत्रा |
अविनाश ओगले |
गझल |
किती? |
केदार पाटणकर |
गझल |
असेच हल्ली मनास होते... |
ज्ञानेश. |
गझल |
सफल |
अगस्ती |
गझल |
वेदना |
अनिल रत्नाकर |
गझल |
आवरण |
ज्ञानेश. |
गझल |
सौदा |
शांडिल्य |
गझल |
रस्ता |
अनिरुद्ध अभ्यंकर |
गझल |
...देऊ नये ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
कणसूर |
विसुनाना |
गझल |
एक कविता |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
ध्वस्त |
मधुघट |
गझल |
...लुप्त |
ज्ञानेश. |