गझल |
...पण सुरूच आहे रहदारी ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
लंब |
सुनेत्रा सुभाष |
गझल |
मी फुलांची मूक भाषा जाणतो..... |
खलिश |
गझल |
पारदर्शी... |
अमित वाघ |
गझल |
व्यर्थ जगणे ! |
supriya.jadhav7 |
गझल |
वखवखे मला |
भूषण कटककर |
गझल |
जशी रात्र झाली... |
केदार पाटणकर |
गझल |
भेटण्याचे राहिले |
स्नेहदर्शन |
गझल |
करणार आहे |
आदित्य_देवधर |
गझल |
...जन्म चकव्यासारखा ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
जेव्हा मेघ दाटुन येते... |
गौतम.रा.खंडागळे |
गझल |
मुलाहिजा |
चित्तरंजन भट |
गझल |
कैफ त्या डोळ्यातला... |
बहर |
गझल |
जगणे म्हणजे अवघड चळवळ |
श्रीकांत वाघ |
गझल |
वारे जरासे गातील काही.. |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
पुन्हा पुन्हा ते तसेच होते |
भूषण कटककर |
गझल |
कुठे म्हणालो?... (अजब) |
अजब |
गझल |
माझाच व्हावा मला नित्य आधार |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
... राहिलो मी |
अजय अनंत जोशी |
गझल |
...वेड पांघरावे मी ! |
प्रदीप कुलकर्णी |
गझल |
चंद्र झालो |
आदित्य_देवधर |
गझल |
जखमा जुन्या (गझल ) |
मनिषा नाईक. |
गझल |
चंद्र झालो मी कुणाचा अन किती डागाळलो मी.. |
सोनाली जोशी |
गझल |
काय हा रस्ता तुझ्या शहरातला |
बेफिकीर |
गझल |
बनेल तारे.. |
बहर |